कोटा । राजस्थान के कोटा में अब स्टूडेंट्स 10वीं क्लास से पहले कोचिंग नहीं ले सकेंगे। जिला कलेक्टर ने शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी कोचिंग संस्थानों के लिए जारी नई गाइडलाइंस को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें 16 साल से कम उम्र के छात्रों को अब कोचिंग संस्थानों में दाखिला नहीं देने और अच्छे नंबर या रैंक दिलाने की गारंटी जैसे भ्रामक वादे न करने की हिदायत भी दी गई है। कोचिंग सेंटर नियमों में पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार रुपये दूसरी बार एक लाख रुपये और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन केंसिल करने के साथ भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। 
इसके अलावा क्लासेस भी सिर्फ 5 घंटे ही चलेंगी। जिला कलेक्टर ने कोटा के कोचिंग संस्थानों के लिए जारी गाइडलाइन की पालना के लिए 19 सदस्यों की टीम भी बनायी है। कोटा में कोचिंग संस्थानों को कलेक्टर द्वारा दिए गए इन सभी निर्देशों को पालन करना जरूरी है। अगर वह पालन नहीं करेंगे तो प्रशासन उनके ऊपर सख्त कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए गठित की गई 19 सदस्यों की टीम की कोचिंग संस्थानों पर कड़ी निगरानी रहेगी। प्रशासन ने यह फैसला छात्रों के हित में लिया है। पिछले कुछ सालों में कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड और लापता होने के मामले काफी बढ़ गए हैं। ऐसे में प्रशासन इन्हें रोकने के लिए हर संभव कदम उठाता रहता है। कोचिंग विद्यार्थियों की परेशानी जानने और उन्हें हल करने के लिए प्रशासन की टीम स्टूडेंट्स से संर्पक बनाए रखती है। हाल ही में जिले की नई एसपी डॉ अमृता दुहन बच्चों से बात करने चाय की टपरी पर पहुंचीं। चाय की टपरी पर कई सारे स्टूडेंट्स मौजूद थे। एसपी ने उनसे बातचीत की हालचाल पूछे और अपना फोन नंबर भी दिया। इसके अलावा वे कई बार रात में कोचिंग एरिया के राउंड पर भी करती दिखाई देती हैं। यही नहीं कोटा में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर भी कई उचित कदम उठाए जा रहे हैं। कोटा में महिला कमांडो की टीम मनचलों पर नजर बनाए रखती हैं। अगर कोई छेड़छाड़ की कोशिश करता है तो महिला कंमाडों तुरंत उसे हिरासत में ले लेती हैं।