मिर्जापुर । उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के विंध्याचल पर स्थित रामगया घाट पर महिलाएं पिंडदान करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचती हैं। यहां पर मान्यता है, कि विंध्याचल प्रवास के दौरान सीता मैया को यहां पर जब प्यास लगी तो उन्होंने एक कुंड का निर्माण कराया था। उन्होंने अपने पितरों का पिंडदान भी यहीं किया।
भारत में एकमात्र स्थान विंध्याचल का रामगया घाट है। जहां पर महिलाएं अपने पितरों का पिंडदान करती हैं। मान्यता है कि भगवान राम ने पहला पिंडदान अयोध्या के सरयू नदी के तट पर किया था। दूसरा पिंडदान  प्रयाग में किया था। तीसरा पिंडदान विंध्याचल के रामगया घाट पर किया था। यहां पर पितृपक्ष की नवमी तिथि को बिहार,राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से हजारों की संख्या में महिलाएं पहुंचती हैं, और अपने पितरों का पिंडदान करती हैं।