अलीराजपुर ।   आदिवासी अंचल से अंधविश्वास खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। कट्ठीवाड़ा थाना क्षेत्र में जादू-टोना और डायन होने के शक में एक महिला की हत्या कर उसके शव को जमीन में गाड़ दिया गया। पूछताछ में आरोपित ने पुलिस से कहा कि डायन ने मेरी पत्नी और बच्चे की हत्या कर दी थी। इसलिए उसे मार डाला है। पुलिस ने आरोपित की निशानदेही पर जमीन में गड़ा कंकाल बरामद किया है।

मायके आकर लापता हुई थी

पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने बताया कि ग्राम पनियाला की रहने वाली दुलीबेन अपने मायके ग्राम घूट (काछला) आई थीं। गत 23 सितंबर को वह यहां से लापता हो गई थी। स्वजन ने हर जगह महिला को तलाशा, हालांकि उसका पता नहीं चला।

कट्ठीवाड़ा थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई थी

इस पर तीन अक्टूबर को कट्ठीवाड़ा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस टीम महिला की तलाश में लगी थी। जांच के दौरान पुलिस ने एक चश्मदीद से पूछताछ की तो सामने आया कि ग्राम घूट के ही नासिर पुत्र सूर्या ने महिला की गला घोटकर हत्या कर दी थी।

पूछताछ में पता चली चौंकाने वाली बात

पुलिस ने आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो टीम चौंक गई। दरअसल नासिर की पत्नी और बेटे की मौत हो गई थी। इस पर उसे शक था कि दुलीबेन ने जादू-टोना कर दोनों को मार दिया है। महिला के डायन होने की शंका में उसने गला घोटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद जंगल में शव को दफन कर दिया था। फोरेंसिक टीम ने आरोपित की निशानदेही पर जमीन में गड़ा कंकाल बरामद किया है। महिला के स्वजन ने कपड़ों के आधार पर शव की शिनाख्त की है।

17 दिन तक खोजबीन में लगे रहे स्वजन

आरोपित से पूछताछ में सामने आया है कि उसने 23 सितंबर को ही महिला की हत्या कर दी थी। इस दौरान स्वजन महिला की खोजबीन में लगे रहे। एसपी व्यास ने कहा कि अंधविश्वास व कुरीतियों को खत्म करने को लेकर समय-समय पर अभियान चलाए जाते रहे हैं। आगे भी गैर सरकारी संगठन आदि की मदद से पुलिस इस दिशा में काम करेगी।