हिंदू धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं हैं एक आता है तो दूसरा जाता हैं इन्हीं में से एक कालाष्टमी व्रत है जो कि बेहद ही खास मानी जाती हैं। धार्मिक पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पख की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का व्रत किया जाता हैं जो कि भगवान शिव के रौद्र रूप कालभैरव की पूजा अर्चना को समर्पित होता हैं।

इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता हैं इस बार भादों की कालाष्टमी 6 सितंबर दिन बुधवार को पड़ रही हैं मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और भैरव बाबा की पूजा करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं साथ ही मनोकामना की पूर्ति होती हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा भाद्रपद मास की कालाष्टमी व्रत पूजन का शुभ मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

कालाष्टमी पूजा का शुभ समय-
धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से आरंभ हो रही हैं जो कि अगले दिन यानी 7 सितंबर को संध्यकाल में 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में कालाष्टमी का व्रत पूजन 6 सितंबर दिन बुधवार को किया जाएगा।

क्योंकि भैरव बाबा की पूजा के लिए निशा काल शुभ माना गया हैं, मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से बाबा का आशीर्वाद मिलता हैं और जीवन के दुख दूर हो जाते हैं। कालाष्टमी के दिन पूजा पाठ और व्रत के साथ ही आप शिव चालीसा, शिव स्तोत्र व मंत्र जाप कर सकते हैं ऐसा करने से सुख समृद्धि और आय में वृद्धि होती हैं साथ ही दुख संकट दूर हो जाते हैं।