सनातन धर्म में पर्व त्योहारों की कमी नहीं है और सभी का अपना महत्व भी है लेकिन इनमें दशहरा बेहद खास माना जाता है ​जिसे विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता है इसी दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था।

दशहरा पर रावण दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाया जाता है इस दिन शस्त्र पूजा भी होती है।

 

धार्मिक पंचांग के अनुसार दशहरा का पावन पर्व हर साल शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन यानी अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाया जाता है ऐसे में इस बार दशहरा का त्योहार 24 अक्टूबर को देशभर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। इस दिन लोग रावण दहन कर खुशियां मनाते है और पूजा पाठ भी करते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा दशहरा पर्व से जुड़ी अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं, तो आइए जानते है।

 

दशहरा का उत्तम मुहूर्त-
धार्मिक पंचांग के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि की शुरुआत 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 44 मिनट पर हो जाएगी और इस तिथि का समापन 24 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। दशहरा पर दहन दहन के लिए प्रदोष काल मुहूर्त को उत्तम माना गया है। ऐसे में 24 अक्टूबर को सूर्यासत के समय शाम 5 बजकर 43 मिनट से लेकर ढाई घंटे तक रावण दहन के लिए उत्तम समय प्राप्त हो रहा है।

 

वही दशहरा पूजन के लिए विजय मुहूर्त को श्रेष्ठ माना गया है जो कि इस दिन दोपहर 2 बजकर 4 मिनट से दोपहर 2 बजकर 49 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा शस्त्र पूजन के लिए 23 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक का समय शुभ माना जा रहा है।