हमारी हथेली पर कई रेखाएं हैं, लेकिन इन सभी में जीवन रेखा यानी लाइफ लाइन का सबसे अधिक महत्व है क्योंकि इसी रेखा का आधार पर जीवन में उतार-चढ़ाव और मृत्यु व बीमारियों के संकेत मिलते हैं।

हस्तरेखा शास्त्र (Palmistry) में हथेली की हर रेखा का सूक्ष्मता से अध्ययन किया जाता है। जीवन रेखा हमारी हथेली की सबसे बड़ी रेखा होता है। ये रेखा इसलिए भी खास है क्योंकि इसी रेखा से जीवन के उतार-चढ़ाव, बीमारी और मृत्यु आदि के बारे में पता लगाया जा सकता है। ये रेखा तर्जनी उंगली के कुछ नीचे से शुरू होकर शुक्र पर्वत को घेरते हुए मणिबंध पर जाकर खत्म होती है। एशियानेट हिंदी ने अपने पाठकों के लिए हस्तरेखा (know future from palm line) की एक सीरीज शुरू की है, हस्तरेखा से जानें भविष्य। इस सीरीज के अंतर्गत पहले हम आपको हथेली कई कई रेखाओं के बारे में बता चुके हैं। आज हम आपको जीवन रेखा के बारे में बताएंगे, जिसे Life Line कहा जाता है.

 यदि हाथ की जीवन रेखा छोटे-छोटे बारीक टुकड़ों में विभाजित हो तो व्यक्ति का स्वभाव काफी चिड़चिड़ा होता है और उसकी सेहत भी ठीक नहीं रहती। यदि ऐसी जीवन रेखा शुरू होकर अंत तक आते-आते पतली हो जाए तो ऐसा व्यक्ति अपने जीवन काल में कई गंभीर बीमारियों से परेशान रहता है। कई बार ऐसा व्यक्ति इतना कमजोर हो जाता है कि दैनिक कार्य भी नहीं कर पाता।

 लगातार चौड़ी होती हुई और टूट-टूट कर आगे बढ़ती जीवनरेखा व्यक्ति को आलसी बनाती है। ऐसा नहीं कि ऐसे व्यक्ति जन्म से ही आलसी होता है, लेकिन उसके शरीर की सरंचना ही ऐसी हो जाती है कि वे ज्यादा काम नहीं कर पाते हैं और आलसी हो जाते हैं। ऐसे लोग यदि कोई मेहनत का काम करें तो इनकी सेहत भी बिगड़ सकती है। ऐसे लोग निराशावादी भी होते हैं।

 कई बार व्यक्ति के हाथ की जीवन रेखा थोड़ी आगे जाकर दो शाखाओं में बंट जाती है। कई बार ये दो रेखाओं का भ्रम भी उत्पन्न कर देती है। ऐसी जीवन रेखा शुभ नहीं मानी गई है। अतिरिक्त जीवन रेखा मुख्य जीवन रेखा की शक्ति को कमजोर करती है। क्योंकि जीवनशक्ति विद्युत प्रवाह का दो धाराओं में बहना कोई शुभ संकेत नहीं है। ऐसे लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

 
यदि किसी व्यक्ति के हाथ की जीवनरेखा के अन्त में क्रॉस का निशान हो तो ऐसे व्यक्ति की मृत्यु घटना-दुर्घटना में यानी अचानक होती है। हथेली में ये निशान जितना गहरा और स्पष्ट होता है, मृत्यु की संभावना भी उतनी अधिक होती है। यदि एक आड़ी रेखा आकर जीवनरेखा को रोक दे तो यह भी तत्काल मृत्यु का ही संकेत है। ऐसे निशानों को बहुत ही अशुभ माना गया है।

 
जीवन रेखा पर डबल क्रॉस का निशान जीवन शक्ति के प्रवाह में भंयकर रूकावट का संकेत है। जीवनरेखा पर जिस स्थान पर क्रॉस के निशान दिखाई देंगे, उसी जगह की समकक्ष आयु में आपको शनि रेखा या सूर्य रेखा पर भी कुछ- कुछ चिह्न अवश्य होते हैं। ऐसे निशान आकस्मिक बीमारी या दुर्घटना के बारे में संकेत देते हैं। ये निशान हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं।

लेखक परिचय
राजेन्द्र गुप्ता (Rajendra Gupta Astrologer) ज्योतिष जगत में एक जाना-पहचाना नाम है। आप वर्तमान में अजमेर (राजस्थान) में रहकर हस्तरेखा विषय पर निरंतर शोधपरक कार्य कर रहे हैं। आपने एम.ए. दर्शनशास्त्र में स्वर्णपदक प्राप्त किया है। साथ ही इतिहास और राजनीति शास्त्र विषयों पर भी आपने एम. ए. किया है। साहित्यागार प्रकाशन जयपुर से हिंदी व्याकरण पर आपकी तीन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। रेडियो-टीवी पर भी आपकी कई खोजपरक रिपोर्ट और वार्ताएं प्रसारित हो चुकी हैं।