सुकमा जिले के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र के एलमागुड़ा गांव में पल्स पोलियो दवा की जगह पानी पिलाये जाने का मामला सामने आया है। इस मामले से जुड़ी फोटो  वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया, मामले की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय टीम का भी गठन कर दिया गया, इसके अलावा सीएचएमओ का कहना है कि फ़ोटो को शरारती तत्वों के द्वारा एडिट करते हुए गलत तरीके से वायरल किया गया है, जो कि पूरी तरह से फर्जी है, इसके अलावा मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद असामाजिक तत्वों के खिलाफ थाने में मामला भी दर्ज कराया जाएगा, लेकिन मामले की रिपोर्ट आते तक बस्तर जिले के अंदुरुनी क्षेत्रों में पोलियो को जड़ से मिटाने में इस तरह की अहम भूमिका स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निभाई जा रही है। 
 
बताया जा रहा है कि प्रदेश भर में राष्ट्रीय सघन पल्स पोलियो अभियान तीन मार्च से शुरू हुआ है पहले दिन तीन मार्च को पोलियो बूथ पर 0 से 5 वर्ष के बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई है, वहीं चार और पांच मार्च को टीम के सदस्यों द्वारा घर-घर जाकर छूटे हुए बच्चों को पोलियो पिलाई जाएगी। इस अभियान में सुकमा जिले के एल्मागुड़ा में लापरवाही बरतने का मामला प्रकाश में आया है, जहां ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने पोलियो दवा की जगह बच्चों को पानी पिला दिया और फ़ोटो भी वायरल कर दिया। 
 
इस मामले को लेकर सीएचएमओ डॉक्टर महेश सांडिया ने कहा कि एल्मागुड़ा गांव में 35 बच्चों को चिन्हांकित किया गया था, लेकिन इसके बाद भी 40 बच्चों को पल्स पोलियो अभियान के तहत दवा पिलाई गई, एक बजे के लगभग यह अभियान खत्म हो चुका था, लेकिन 3 बजे के बाद बच्चों को पोलियो दवा की जगह पानी पिलाये जाने का यह फोटो वायरल हुआ है, जो कि पूरी तरह से फर्जी है, जांच की जा रही है और असामाजिक तत्वों के खिलाफ मामला भी थाने में दर्ज कराया जाएगा।  

तीन सदस्यीय टीम का गठन 

मामले में सीएचएमओ का कहना है कि इस मामले को लेकर बीएमओ, सेक्टर डॉक्टर, सेक्टर सुपरवाइजर की टीम को सोमवार की सुबह जांच के लिए भेजा गया है जहां शाम तक मामले से जुड़ी रिपोर्ट को टीम द्वारा सौप देने के बाद जो भी रिपोर्ट आती है, उस पर जांच कि जाएगी।