इंदौर ।    वर्तमान दौर में हर दिमाग में स्टार्टअप का कोई न कोई आइडिया चल रहा है। हर व्यक्ति सोच रहा है कि ऐसा क्या करूं कि साल-दो साल में लाखों-करोड़ों की कंपनी खड़ी कर लूं। मगर यह सब इतना अासान नहीं है। यदि आपके मन में भी स्टार्टअप शुरू करने को लेकर प्रबल इच्छा है, तो पहले अपना विजन स्पष्ट करते हुए अपने आइडिया की पड़ताल करनी होगी। यदि जमीनी पड़ताल में आइडिया फिट है, तो फिर कदम आगे बढ़ाएं और कठोर परिश्रम करें। ऐसा करने पर ही सफलता मिलेगी। अन्यथा अच्छे-अच्छे आइिडया ध्वस्त हो जाते हैं। मंगलवार को खंडवा रोड स्थित आडिटोरियम में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी (आइईटी) द्वारा ई-सेल समिट आयोजित की गई। इसमें स्टार्टअप की दुनिया के सफल सितारे चाय-सुट्टा बार के संस्थापक अनुभव दुबे ने उपरोक्त बातें कहीं। समिट का आयोजन इसलिए किया गया ताकि शहर के युवा उद्यमियों को स्टार्टअप शुरू करने से पहले विजन स्पष्ट करने को लेकर सही सलाह दी जाए।

नई सोच से खड़ा किया चाय सुट्टा बार

अनुभव ने अपना अनुभव सुनाते हुए बताया कि पढ़ाई पूरी करने के बाद करियर बनाने के लिए सिविल सर्विसेस और सीए की तैयारी की, मगर सफल नहीं हो पाया। फिर एक दोस्त के साथ मिलकर अपना बिजनेस करने की योजना बनाई। थोड़ा सोचा तो आइडिया आया कि क्यों न चाय की दुकान को री-माडल किया जाए। चाय को ग्लास या कप में देने के बजाय कुल्हड में दी जाए, ताकि अपने देश की मिट्टी से लोग जुड़ सकें। इस सोच और विजन की बदौलत बिजनेस प्रारंभ किया। अब देश की मिट्टी की खुशबू विदेश में भी महकेगी क्योंकि हमारे आउटलेट दुबई और कनाडा में भी शुरू कर दिए हैं। स्वाभाविक रूप से यह इसलिए हो पाया क्योंकि स्टार्टअप प्लान करने से पहले हमारा विजन स्पष्ट था कि हमें करना क्या है।

विश्वविद्यालय व कैट मिलकर आइडिया को बनाएंगे स्टार्टअप

समिट के मुख्य अतिथि राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) के इन्क्यूबेशन सेंटर प्रमुख सीपी पाल ने कहा कि स्टार्टअप को आगे बढ़ाने की दिशा में इंक्यूबेशन सेंटर की अहम भूमिका है। इन दिनों संस्थान में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। प्रोजेक्ट पर मार्गदर्शन के लिए इंडस्ट्री के विशेषज्ञों की मदद भी लेते हैं। अब विश्वविद्यालय और कैट मिलकर विद्यार्थियों के बिजनेस आइडिया को नए स्टार्टअप में तब्दील कर सकते हैं।

इन दिग्गजों ने भी किया संबोधित

समिट में इसरो में काम कर चुके और यूट्यूबर अर्श गोयल, टेलीकाम कंपनी के सीटीओ नीलेश वोहरा, स्टाक ओएस के सीईओ विष्णु कोरडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने विद्यार्थियों के सवाल के जवाब भी दिए।

22 आइडिया पर काम करने में जुटा है विश्वविद्यालय

आइईटी के डायरेक्टर डा. संजीव टोकेकर ने कहा कि वर्तमान युग नवाचार के लिए काफी महत्व रखता है। बिजनेस आइडिया को उचित मार्गदर्शन मिलना चाहिए। इस उद्देश्य से विश्वविद्यालय ने सेक्शन आठ के अंतर्गत कंपनी का पंजीयन किया है। यह चौबीस घंटे विद्यार्थियों को उनके नवाचार और प्रोडक्ट को बनाने में मदद करेगी। विशेषज्ञ इन विद्यार्थियों के मार्गदर्शक भी बनेंगे।

इंक्यूबेशन सेंटर प्रमुख डा. शशि प्रकाश ने कहा कि विश्वविद्यालय के सेंटर को पांच करोड़ का अनुदान मिला है। इन दिनों 22 आइडिया पर विश्वविद्यालय काम करने में लगा है। कुछ आइडिया को स्टार्टअप में बदलने का अंतिम चरणों में काम चल रहा है। उसके बाद प्रत्येक स्टार्टअप को दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे। समिट में स्टार्टअप प्रदर्शनी और एक इंटर्नशिप मेला भी लगाया गया। विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित 20 से अधिक स्टार्टअप को प्रदर्शित किया गया।