उज्जैन । हम सब बचपन से एक मुहावरा पढ़ते-सुनते आ रहे हैं ‘जो जीता, वही सिकंदर’। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन इस मुहावरे में से ‘सिकंदर’ नाम हटाकर ‘सम्राट विक्रमादित्य’ जोड़ रहा है। नया मुहावरा होगा ‘जो जीता, वही सम्राट विक्रमादित्य’। अब यही मुहावरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे।कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने इसके निर्देश सभी विभागाध्यक्ष और प्रोफेसरों को दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि इससे गुलामी की मानसिकता से आजादी मिलेगी।स्वीकृति मिलने पर संशोधित नाम सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय होगा।

दरअसल, एक दिन पहले बुधवार को हुई विश्वविद्यालय के समस्त विभागाध्यक्षों की बैठक में कुलपति ने मुहावरा बदलने और विश्वविद्यालय के नाम में संशोधन कराए जाने की जानकारी से अवगत कराया, जरूरी निर्देश भी दिए। हालांकि, कोई लिखित आदेश जारी नहीं किया।कुलपति ने कहा कि सिकंदर हमारे युवाओं के लिए आदर्श व्यक्तित्व नहीं हो सकता। सम्राट विक्रमादित्य हमारे आदर्श हैं, इसलिए मुहावरे में संशोधन कर रहे हैं। बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति बोले- गुलामी की मानसिकता से मिलेगी आजादी।