उदयपुर। उदयपुर एवं आसपास की पहाड़ियां अवैध कब्जे तथा खनन की वजह से खतरे में हैं। जिसकी शिकायतें जिला प्रशासन एवं संबंधित महकमे को मिलती रही लेकिन पहाड़ियों को उधेड़ने का काम जारी है। ऐसे में शहर तथा आसपास की पहाड़ियों को बचाने के लिए उदयपुर की आदियोग संस्था ने अनूठी पहल शुरू की हैं। जिसके तहत उसने पहाड़ियों पर योग कराना का अभियान शुरू किया है। अब संभावना जताई जा रही कि उनकी यह पहल अवश्य रंग लाएगी।

उदयपुर शहर की आदियोग संस्था ने इस साल अरावली की पहाड़ियों के प्रति आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से पहाड़ों पर योग शुरू कराना शुरू किए है। संस्था के जसवंत मेनारिया बताते हैं कि पहाड़ों के साथ योग बहुत ही प्रचलित और पुरानी क्रिया है। पहले पहाड़ों पर ट्रेकिंग की जाती है, उसके बाद पहाड़ पर पहुंच कर योगा के विभिन्न आसन किए जाते है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर शुद्ध हवा मिलती है, ऐसी जगह योगा करने कई फायदे मिलते है।

मेनारिया बताते हैं कि उनकी संस्था हर वर्ष किसी एक थीम को ले कर योग करते है और पूरे साल उसी थीम पर कार्य करती है। इन दिनों उदयपुर की पहाड़ियों को लगातार काट कर समतल किया जा रहा है। जिससे प्राकृतिक सौंदर्य खत्म होने के साथ ही प्राकृतिक खतरे भी बढ़ते जा रहे है। ऐसे में पहाड़ों पर योग के साथ उन्हें बचाने का भी प्रयास किया जा रहा है। इसमें आम जनता को जोड़ने का काम जारी है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने भी माना उदयपुर की पहाड़ियों को बचाने की जरूरत

पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुर आए तो जनसंवाद के दौरान लोगों ने उदयपुर की उधेड़ी जा रही पहाड़ियों का मुद्दा उठाया था। लोगों ने बताया कि किस तरह पहाड़ियों को मैदान में तब्दील कर उदयपुर के सौन्दर्य को मिटाया जा रहा है। गहलोत ने कहा कि हरी-भरी पहाड़ियों और झीलों के बिना उदयपुर का अस्तित्व नहीं है। उन्होंने इस संबंध में मौके पर मौजूद जिला कलक्टर ताराचंद मीणा को कार्रवाई के लिए कहा था।