सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम, 2012, जल एवं ऊर्जा संरक्षण, सड़क सुरक्षा, लैंगिक समानता जैसे प्रासंगिक विषयों को अपनी पाठ्य-पुस्तकों में पढ़ेंगे।

राज्य सरकार ने कक्षा एक से आठ के बच्चों को उपलब्ध कराने वाली पुस्तकों में कक्षा के अनुसार इन विषयों को पहली बार सम्मिलित किया है। झारखंड में तृतीय श्रेणी के पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में झारखंड से अधिक प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए, पहली पाठ्य-पुस्तकों में झारखंड से जुड़े टापिक बढ़ाए गए हैं।

इससे बच्चे झारखंड के भूगोल और इतिहास खासकर झारखंड आंदोलन तथा यहां की कला संस्कृति आदि को अच्छी तरह जान सकेंगे। साथ ही व्यावसायिक शिक्षा के भी टापिक जोड़े गए हैं। राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों के लिए झारखंड शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद (जेसीईआरटी) द्वारा तैयार की गई हैं।

2024-25 सत्र के लिए सिलेबस में कई बदलाव

प्रत्येक वर्ष पुरानी पुस्तकों का ही प्रकाशन किया जाता था। इस बार वर्ष 2024-25 सत्र के लिए उपलब्ध कराने वाली पुस्तकों में न केवल नए टॉपिक जोड़े गए हैं। वहीं, इसमें त्रुटियों का भी निराकरण किया गया है। साथ ही तस्वीरों की गुणवत्ता बढ़ाई गई है।

परिषद के संकाय सदस्य सह पाठ्य-पुस्तक समन्वयक मणिलाल साव के अनुसार, पाठ्यपुस्तकों में नए टापिक तो सम्मिलित किए गए हैं, लेकिन पुराने टापिक हटाए नहीं गए हैं। इसके बदले भार कम करने के लिए विषय विवरणी तथा संदेश के पृष्ठों को कम किया गया है।

इधर, नए सत्र में बच्चों को समय पर पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए परिषद ने टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। यह टेंडर प्रक्रिया कक्षा एक से 12वीं तक की पुस्तकों के प्रकाशन के लिए शुरू की गई हैं। बता दें कि वर्ष 2014-25 का सत्र मई माह से शुरू होगा।

नौवीं से 12वीं के बच्चों को दी जाती NCERT की पुस्तकें

राज्य सरकार जहां कक्षा एक से आठ के बच्चों को जेसीईआरटी द्वारा तैयार कराई गई पाठ्य-पुस्तकों को देती है, वहीं कक्षा नौवीं से 12वीं के बच्चों को एनसीईआरटी की पुस्तकें देती हें। हालांकि राज्य सरकार एनसीईआरटी से कापीराइट लेकर पुस्तकों का प्रकाशन स्वयं कराती है। इन कक्षाओं की पुस्तकों के प्रकाशन के लिए भी टेंडर प्रक्रिया साथ में शुरू की गई है।

105 दिनों में प्रखंड स्तर पर उपलब्ध करानी होगी पुस्तकें

जेसीईआरटी द्वारा किए जा रहे टेंडर में यह शर्त रखी गई है कि प्रकाशकों को पुस्तकें वर्क आर्डर जारी होने के 105 दिनों के भीतर उपलब्ध करानी होंगी। पुस्तकें प्रखंड स्तर पर प्रखंड संसाधन केंद्रों में उपलब्ध कराई जाएंगी जहां से विद्यालयों को भेजी जाएंगी।