देश में कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के कोटा में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब रविवार को दो छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। एक छात्र ने रविवार दोपहर में कोचिंग संस्थान की छठी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली तो दूसरे ने अपने हास्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। कोटा में इस साल अब तक 23 और अगस्त महीने में ही सात छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है।

महाराष्ट्र के लातूर का 16 वर्षीय छात्र आविष्कार संभाजी कासले कोटा में नीट की तैयारी कर रहा था। वह पिछले दो साल से कोटा के तलवंडी इलाके में रह रहा था। वह रविवार को कोचिंग संस्थान में टेस्ट देने आया था। पुलिस उप अधीक्षक धर्मवीर ने बताया कि आविष्कार ने टेस्ट दिया और फिर कमरे से बाहर आकर छठी मंजिल से नीचे कूद गया। वह करीब 70 फीट नीचे गिरा। सूचना मिलते ही कोचिंग के कर्मचारी और छात्र मौके पर पहुंचे। पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने आविष्कार को अस्पताल पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार वह कुछ दिनों से मानसिक अवसाद में था। वहीं, कोटा के कुंहाड़ी इलाके में निजी हास्टल में रहने वाले बिहार के रोहतास निवासी 17 वर्षीय छात्र आदर्श ने पंखे से फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार को कोचिंग संस्थान में हुए टेस्ट में कम नंबर आना उसके आत्महत्या करने का कारण माना जा रहा है।

आदर्श भी नीट की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने दोनों छात्रों के स्वजन को सूचना दे दी है । स्वजन के पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि छात्र-छात्राओं के आत्महत्या करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले सप्ताह कोचिंग संचालकों, अधिकारियों व अभिभावकों के साथ संवाद किया था। कोचिंग संचालकों से रविवार का टेस्ट बंद करने के लिए कहा गया था, लेकिन फिर भी टेस्ट लिया गया। ऐसे में कोचिंग संस्थान के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।