बांसवाड़ा में शुक्रवार को एक अनोखा विवाह देखने को मिला, जहां एक दूल्हे की दो दुल्हन थीं। दूल्हे दोनों के साथ रीतिरिवाज से विवाह किया। मामला आनंदपुरी के आदिवासी बहुल बांसवाड़ा जिले के आनंदपुरी ब्लॉक की ग्राम पंचायत मुंदरी के उपलापाड़ा गांव का है। इस अनोखी शादी की खूब चर्चा रही।

जानकारी के अनुसार दूल्हे कमलाशंकर के जीजा हितेश पारगी और तोलाराम पारगी ने बताया कि 2002 में जब कमलाशंकर 13 वर्ष का था तब मकन गांव से नानीदेवी को नातरा (एक प्रथा) कर ले आया था। इसके बाद उसने 2014 में ओबला निवासी टीना से भी नातरा किया। कमलाशंकर नाबालिग होने के कारण और आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार विवाह नहीं कर पाया था। अब बालिग होने के साथ ही उसकी आर्थिक स्थिति भी सुधरी तो शुक्रवार को सामाजिक रीति रिवाज से उसने नानीदेवी और टीना से विवाह किया है। कमलाशंकर को नानी देवी से आठ वर्षीय पुत्री और टीना से 6 वर्षीय पुत्र है। दोनों बच्चे अपने पिता की शादी में शामिल हुए। सामाजिक रीति रिवाज अनुसार दो पत्नियों के साथ कमलाशंकर ने परिणय सूत्र में बंधकर दोनों जीवन संगनियों के साथ सात फेरे लिए। इस अनोखी शादी को देखने आस पास के सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ रही।

नातरा प्रथा

संप सभा के कानूनी सलाहकार मंत्री एडवोकेट विनोद डामोर ने बताया कि नातरा प्रथा में लड़का-लड़की अपने माता-पिता से बिना इजाजत के शादी कर लेते हैं। कई बार पैसों का भी लेनदेन होता है। संप सभा इस नातरा प्रथा को समाप्त करने का प्रयास कर रही है। शिक्षा के साथ-साथ इस प्रथा का चलन धीरे-धीरे कम हो रहा है।