सियालदह से जम्मूतवी जा रही हमसफर एक्सप्रेस के पहिए में आग और धुंए से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। यात्रियों की चीख-पुकार के बाद अंडाल स्टेशन पर ट्रेन को रोका गया। साढ़े तीन घंटे तक ट्रेन अंडाल में रुकी रही।

शक्तिगढ़ के पास पहुंचने पर यात्रियों को धुएं का अनुभव हुआ

कैरेज एंड वैगन विभाग के कर्मचारियों को प्रभावित कोच को अलग किया, जिसके बाद ट्रेन रवाना हुई। बाद में आसनसोल से दूसरा कोच जोड़ा गया।

घटना को लेकर यात्रियों ने बताया कि सियालदह से खुली ट्रेन के शक्तिगढ़ के पास पहुंचने पर यात्रियों ने जलने और धुंए का अनुभव किया। उस समय जांच करने पर कुछ नहीं मिला। फिर जब ट्रेन वारिया स्टेशन के पास थी, तो आग लगने की जानकारी मिली। ट्रेन को रोक दिया गया।

कोच में बैठे यात्रियों को किया गया शिफ्ट

जांच में पाया गया कि इंजन से सातवें नंबर के कोच के चक्का में हाट एक्सेल के कारण आग लगी है। वहां से ट्रेन को गति कम कर अंडाल भेजा गया। शाम के लगभग चार बजे ट्रेन अंडाल स्टेशन पर पहुंची। रेल कर्मी भी पहुंचे और कोच को अलग कर दिया गया।

उसमें बैठे यात्रियों को दूसरे कोच में शिफ्ट कर ट्रेन रवाना किया गया। रात में आसनसोल पहुंचने पर अतिरिक्त कोच जोड़ा गया और शिफ्ट किए गए यात्रियों को बिठाया गया। इस घटना के कारण ट्रेन लगभग पांच घंटे विलंब से शाम के बदले रात 10 बजे के बाद धनबाद पहुंची।

गौरतलब है कि बीते शनिवार को मदुरै रेलवे स्‍टेशन के पास ट्रेन के एक कोच में आग लगने की घटना में नौ लोगों की मौत हो गई है और कई अन्‍य गंभीर रूप से घायल भी हुए हैं। लोग इस हादसे को लेकर दहशत में हैं और इसी बीच हमसफर एक्‍सप्रेस में हुए इस वाक्‍ये से लोग और भी ज्‍यादा डरे हुए हैं।

रेलवे की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल

मदुरै स्‍टेशन के पास हुए हादसे की शुरुआती जांच में पता चला है कि दुर्घटनाग्रस्‍त कोच का आरक्षण एक निजी टूर एवं ट्रेवल्स एजेंसी द्वारा कराया गया था।

इसमें अवैध रूप से रखे गए रसोई गैस के सिलेंडर में लगी आग हादसे का कारण बना। इससे साफ पता चलता है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ क्‍योंकि उन्‍होंने कोच की सही तरह से जांच नहीं की।