झारखंड विधानसभा मानसून सत्र का आज छठा और आखिरी दिन है। इस दिन भी विधानसभा के बाहर विधायकों को अपनी-अपनी मांगों के साथ प्रदर्शन करते हुए देखा गया। पूर्व विधायक शिवपूजन मेहता व विधायक लम्बोदर महतो भी अपनी मांगों को लेकर गेट पर बैठे।इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई।

प्रश्नकाल में एक-दो प्रश्नों पर चर्चा के साथ ही विपक्ष का प्रदर्शन शुरू हुआ। विधायक आसन के पास पहुंचे। नारेबाजी की। स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने भाजपा विधायकों को सीट पर लौटने की नसीहत देते हुए कहा कि वे आसन के धैर्य और विवेक की परीक्षा न लें।सदन में विपक्ष के प्रदर्शन के बीच शून्यकाल की सूचनाएं ली गईं।

इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने स्पीकर से भाजपा विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता को माफी मांगने के निर्देश देने की मांग की। स्पीकर ने शशिभूषण मेहता से कहा कि कल आपके द्वारा विधायक इरफान अंसारी की ओर तेजी से बढ़ना नियम के विपरीत था। आपको माफ़ी मांगनी चाहिए।

संसदीय कार्य मंत्री ने इसका अनुरोध भी किया है। इस पर शशिभूषण मेहता ने कहा कि इनके अनाप शनाप बोलने पर लगाम लगनी चाहिए। ये अपना आचरण सुधारते हैं तो वे भी अपनी बात को वापस लेते हैं। गौरतलब है कि गुरुवार को विधायक शशिभूषण मेहता कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को मारने के लिए बढ़े थे। सदन में हंगामा जारी है।

इसके बाद दूसरी पाली की कार्यवाही शुरू हुई, जिसमें झारखंड स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय विधेयक 2023 पर चर्चा शुरू हुआ। गोमिया से आजसू के विधायक लंबोदर महतो ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह देश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसके कुलाधिपति राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे। इस विधेयक में कहीं भी वित्तीय संलेख नहीं है।

यह सरकारी विश्वविद्यालय है, इसमें वित्तीय संलेख तो होना ही चाहिए।बगोदर से भाकपा माले के विधायक विनोद सिंह ने कहा कि बिहार में भी तीन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मुख्यमंत्री हैं। पंजाब में भी ऐसा हैं। ऐसा क्या हुआ कि कुलाधिपति पहले राज्यपाल होते थे, अब मुख्यमंत्री होने लगे हैं। क्यों यह बदलाव आ रहा है। विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी विधेयक में त्रुटियों को देखते हुए उसे प्रवर समिति में भेजने को कहा।