एसएसपी ने बताया कि शनिवार की रात 1.30 बजे के करीब पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि पुलिस द्वारा रामपुर हनुमान मंदिर तिराहा पर एक बाइक सवार को रोकने का प्रयास किया, उसी दौरान अपराधियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। खुद को बचाते हुए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की तो एक बदमाश के पैर में गोली लग गई और वह गिर गया।

दादा श्रीप्रकाश शुक्ला की हत्या का बदला लेने के लिए कनईल के अर्पित ने हिस्ट्रीशीटर पूर्व प्रधान शशि मौली शुक्ला को गोली मारी थी। वारदात को अर्पित ने अपने बुआ के नाबालिग लड़के और दोस्तों के साथ मिलकर अंजाम दिया।पुलिस ने अर्पित के बुआ के लड़के सहित चार आरोपियों को दबोच कर घटना का पर्दाफाश किया है। एक आरोपी आजमगढ़ के संजरपुर के आकाश को मुठभेड़ में दाहिने पैर में पुलिस की गोली लगी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि सभी बदमाश व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर वारदात कर रहे हैं। हालांकि, अन्य पकड़े गए आरोपियों का आपराधिक इतिहास नहीं है, लेकिन मारपीट की घटनाएं कर चुके हैं। पुलिस ग्रुप में जुड़े अन्य बदमाशों की कुंडली भी खंगाल रही है। घटना में शामिल कनईल निवासी अर्पित और रामगढ़ताल इलाके के कजाकपुर न्यू कॉलोनी निवासी देवेश द्विवेदी अभी फरार हैं।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने पुलिस लाइंस में प्रेस कांफ्रेंस कर पकड़े गए बदमाशों के बारे में जानकारी दी। एसएसपी ने बताया कि कनईल गांव के शशि मौली शुक्ला कजाकपुर थाना क्षेत्र रामगढ़ताल में अपने मकान का निर्माण करा रहे थे। 29 मार्च को पूर्व की रंजिश में अर्पित शुक्ला ने साथियों के साथ आया और शशि मौली शुक्ला के ऊपर फायर कर दिए, जिसमें शशि मौली शुक्ला को चार गोली लगी।

केस दर्ज कर पुलिस ने जांच की तो सामने आया कि अर्पित उर्फ अमन शुक्ला के दादा श्रीप्रकाश शुक्ला की हत्या 1995 में हुई थी, जिसमें शशि मौली शुक्ला मुल्जिम बने थे और जेल गए थे। अर्पित शुक्ला जब बड़ा हुआ तो अपने दादा की हत्या का बदला लेने के लिए अपने गांव के नाबालिग लड़के व आजमगढ़ में रहने वाले अपने बुआ के लड़के (बाल अपचारी) से बात की और फिर वारदात को अंजाम दिया।