कांग्रेस छोडऩे वालों का तांता लगा...
भोपाल । लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनाव तक लडऩे वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज संघवी जहां कल कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने जा रहा है, वहीं महू के पूर्व विधायक और हाल ही में कांग्रेस से बगावत करने वाले अंतरसिंह दरबार भी कल लवाजमे के साथ भाजपा में शामिल होंगे।
प्रदेश में करारी हार के बाद कांग्रेस छोडक़र भाजपा में प्रवेश करने वालों का तांता लगा हुआ है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल सहित कई कांग्रेसियों के भाजपा में शामिल होने के बाद कल कांग्रेस का बरसों तक साथ निभाने वाले पंकज संघवी जहां भाजपा में शामिल होंगे, वहीं महू के कद्दावर नेता अंतरसिंह दरबार भी कांग्रेस छोडक़र भाजपा का भगवा पहनेंगे। जब से जीतू पटवारी प्रदेश अध्यक्ष बने हैं तब से एक बार भी वे मुझसे मिलने नहीं आए। ऐसे व्यक्ति के साथ मैं काम नहीं कर सकता। इसलिए कांग्रेस छोडक़र भाजपा में जा रहा हूं। यह बात कांग्रेस के दिग्गज नेता पंकज संघवी ने कही।
इंदौर के नेताओं का कांग्रेस छोडक़र भाजपा में जाने का मुख्य कारण प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी बनते जा रहे हैं। पंकज संघवी उन वरिष्ठ नेताओं में से हैं,जो तबसे राजनीति में हैं जब प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सामान्य कार्यकर्ता थे। अब पटवारी के नेतृत्व में काम करना ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं हो पा रहा है। यही हाल महू से कांग्रेस के दिग्गज नेता अंतरसिंह दरबार का भी हैं। अंतरसिंह दरबार भी महू के नेता हैं, जिनका इलाका जीतू पटवारी के इलाके से सटा है। पटवारी विरोधी यह भावना कल तब साफ नजर आई, जब पंकज संघवी से उनके भाजपा प्रवेश के बारे में पूछा गया। पंकज संघवी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं उनके साथ काम नहीं कर सकता। वे जब से अध्यक्ष बने हैं आज तक उन्होंने मुझसे सम्पर्क नहीं किया। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव की अपनी टीस निकालते हुए कहा कि जब वे सांसद का चुनाव शंकर लालवानी के खिलाफ लड़ रहे थे तो पटवारी अपनी विधानसभा तक को छोडक़र हेलिकॉप्टर में घूम रहे थे, जबकि वे प्रदेश सरकार में मंत्री थे और उनकी जिम्मेदारी थी कि वे चुनाव में सहयोग करते, लेकिन उन्होंने स्वयं का कद बढ़ाने का काम किया। ऐसे में वे जीतू का साथ कैसे निभाएंगे? वैसे भी भाजपा की रीति-नीतियां देश और प्रदेश के लिए उत्थान वाली है, जबकि कांग्रेस का कोई पालनहार नहीं रहा है। इसलिए वे कांग्रेस छोड़ रहे हैं। संघवी के साथ महू के कद्दावर नेता अंतरसिंह दरबार भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं। दरबार का भी यही संकट है कि कांग्रेस उन्हें बगावत के चलते निष्कासित कर चुकी है और दोबारा कांग्रेस में प्रवेश की कोशिशों के बजाय उनके लिए भाजपा में प्रवेश का रास्ता ज्यादा आसान था। दोनों ही नेता कई दिनों से भाजपा नेताओं के संपर्क में थे।
काफिले के साथ जाएंगे अंतरसिंह दरबार
महू विधानसभा से पांच बार चुनाव लडक़र दो बार विधायक बने अंतर सिंह दरबार कल सुबह महू के पिगडंबर से काफिले के साथ भोपाल के लिए रवानगी करेंगे। दरबार समर्थकों ने बताया कि भाजपा की रीति नीति से प्रभावित होकर बगैर किसी शर्त के अंतर सिंह दरबार भाजपा में प्रवेश कर रहे हैं, दरबार के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने से महू की कांग्रेस में पूर्ण बिखराव भी संभव है। गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अंतर सिंह दरबार के बजाय कांग्रेस से रामकिशोर शुक्ला को अपना उम्मीदवार बनाया था, जिसके बाद से ही दरबार कांग्रेस से असंतुष्ट नजर आ रहे थे। विधानसभा चुनाव में भी दरबार ने निर्दलीय चुनाव लड़ कर अपना दमखम बता दिया था।