फतेहपुर जिले में हत्या के बाद शव फूंकने का शातिराना अंदाज पुलिस के लिए सिरदर्द बना है। पांच माह में दूसरा जला शव क्षेत्र में बरामद हुआ है। जलने से शव की पहचान पुलिस के लिए चुनौती बनी है। कई ऐसे मामलों में पहले भी शवों की पहचान नहीं होने के कारण वारदातें फाइलों में गुम हो गई हैं।

कोतवाली क्षेत्र के अजनई-हथगाम रोड से कुछ दूर ससुर खदेरी नदी के किनारे दो फरवरी को एक युवक की हत्या कर फेंका शव बरामद हुआ था। कातिलों ने बोरे में भरकर शव को आग लगा दी थी। मौके पर पहुंची पुलिस को शरीर काफी जला मिला था। पांच माह बाद भी शव की पहचान नहीं हो सकी।

बुदवन रोड पर वन विभाग की जमीन में खोदे गए नाले से युवती का 17 जून को जला शव बरामद हुआ। दोनों घटनाओं का तरीका एक जैसा प्रतीत हो रहा है। पांच दिन बाद भी पुलिस युवती के शव की पहचान नहीं करा सकी है। ऐसे मामलों की जांच शव की पहचान से ही शुरू होती है।

ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं मामले

पहचान नहीं होने के कारण अधिकांश मामले कुछ दिनों के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं। अनसुलझी हत्याओं के खुलासे में पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। पुलिस ने मंगलवार को युवती के शव का पोस्टमार्टम कराया है। हालांकि पोस्टमार्टम के बाद बुधवार को मुकदमा दर्ज नहीं हो सका है।

पहले भी क्षेत्र में मिल चुके शव

. बरक्कतपुर गांव के बाहर युवती की सिर कटी लाश।
. दयालपुर रोड पर एक युवती का हत्या कर फेंका शव।
. भखरना गांव में एक बोरे में शव के अवशेष मिले।
. कोतवाली क्षेत्र में कच्ची सड़क में महिला का दबा शव मिला।
. खखरेरू थाना क्षेत्र के ख्वाजीपुर थोन में युवती का जला शव बरामद।
. गाजीपुर में लाल पर्स के साथ युवती का बरामद शव।
. हुसैनगंज थाना क्षेत्र में बेरागढ़ीवा पुलिया से युवक का बरामद शव।
. मलवां थाना क्षेत्र के कोराईं मोड़ से युवक का हत्या कर फेंका शव।

सर्विलांस और खुलासों में माहिर अधिकारी फेल

पुलिस महकमे में थानेदारी के चार्ज के लिए एक से बढ़कर एक दावेदार इंस्पेक्टर और दरोगा हैं। उनकी दावेदारी इतनी प्रबल रहती है कि वह सारी अनसुलझी घटनाओं का खुलासा करने का दंभ भरते हैं। थानेदारी मिलने के बाद उनकी धार कुंद पड़ जाता है। खास तौर पर अनसुलझी बड़ी वारदातों में माहिर इंस्पेक्टर और दरोगा फेल हो जाते हैं।

सर्विलांस टीम भी हवा में तीर चलाने तक ही सीमित

17 जून को युवती का शव मिलने के एक दिन पहले अपराध नियंत्रण का दावा करने वाले इंस्पेक्टर तेज बहादुर सिंह को खागा कोतवाली का चार्ज मिला है। कोतवाल का चार्ज लेने वाले दिन ही युवती का शव बरामद हुआ। पांच दिन पहचान नहीं हो सकी है। सर्विलांस टीम की भूमिका भी हवा में तीर चलाने तक ही सीमित है।

बुदवन में मिले शव की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। पहचान के लिए सभी विकल्पों का प्रयोग हो रहा है। कुछ लोग भी जानकारी मिलने पर आ रहे हैं। खुलासे के लिए शव की पहचान जरूरी है। घटना की जांच में लगी टीम से प्रतिदिन प्रगति रिपोर्ट ली जा रही है। -अनिल कुमार, सीओ खागा