2020 में दिवाली की रात को होशियारपुर में दो वकीलों की गाड़ी में जलने से हुई मौत के आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रहने पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि दो माह की मोहलत देने के बावजूद फिर से सरकार समय मांग रही है। कोर्ट ने अब इस मामले में डीजीपी को खुद निगरानी करने का आदेश देते हुए स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। पुलिस पर हत्या के मामले को वाहन हादसे में बदलने के प्रयास का आरोप है।

याचिका दाखिल करते हुए सोमेंद्र गुप्ता ने बताया कि उसके पिता एडवोकेट भगवत किशोर गुप्ता व उनकी एसोसिएट गीतू खुल्लर का शव 2020 में दिवाली की रात में एक जली हुई कार में मिला था। याचिकाकर्ता ने बताया कि गीतू खुल्लर का उसके पति आशीष खुल्लर के साथ वैवाहिक विवाद चल रहा था। किसी विवाद को लेकर खुल्लर के पति ने उन्हें मिलने के लिए भी बुलाया था। आरोपी आशीष खुल्लर ने उत्तर प्रदेश से कुछ बदमाशों को बुलाकर याची के पिता और गीतू खुल्लर की हत्या की साजिश रची थी।

याची के पिता व गीतू की हत्या करने के बाद उन दोनों के शव को गाड़ी में रखकर गाड़ी को आग लगा दी गई थी। याचिकाकर्ता ने बताया कि इस मामले में सबूत होने के बावजूद पुलिस ने इसे मोटर वाहन हादसे का रूप देने का प्रयास किया है। याची ने हाईकोर्ट से अपील की कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की जाए और इसके लिए एसआईटी गठित की जाए। 
पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस को दो माह की मोहलत देते हुए आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया था। जब मामला दोबारा सुनवाई के लिए पहुंचा तो सरकार ने फिर से इस मामले में मोहलत मांगी। इसपर हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए अब डीजीपी को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।