प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने गोपनीय कार्यों से 100 विशेषज्ञों को हटा दिया है। इन विशेषज्ञों ने प्रश्नपत्र तैयार करने के दौरान गलतियां की थीं। प्रश्नपत्र में गलती होने के कारण आयोग की छवि धूमिल हुई थी। इस कारण ऐसे विशेषज्ञों को चिह्नित करके हटाया गया। नए विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।

विशेषज्ञों की गुणवत्ता को लेकर आयोग नियमित समीक्षा कर रहा है। प्रदेश के अधिकारियों की भर्ती यूपीपीएससी करता है। इसके अलावा जजों और राजकीय महाविद्यालयों, इंटर कालेजों, मेडिकल व तकनीकी कालेजों में शिक्षक व प्राचार्य आदि की भर्ती भी करता है।

इन भर्तियों के लिए विषय विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र तैयार कराए जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में हुई भर्तियों के प्रश्नपत्रों में गलतियां होने पर आयोग की छवि धूमिल हुई है।

प्रश्नों में गलती विशेषज्ञों की लापरवाही से होती है, लेकिन उसका खामियाजा सभी को भुगतना पड़ता है। प्रश्नों में गलतियों के चलते मामले कोर्ट तक पहुंच जाते हैं तो आयोग को जवाब देना मुश्किल हो जाता है।

ऐसी गलतियां न हों, इसलिए आयोग के चेयरमैन ने विशेषज्ञों की गुणवत्ता की समीक्षा कराई। पता चला कि विशेषज्ञ की गलती से ऐसी समस्या हुई है। इस कारण ऐसे 100 विशेषज्ञों को चिह्नित करके बाहर कर दिया गया।

आयोग के उप सचिव विनोद गौड़ ने बताया कि संघ लोक सेवा आयोग के प्रश्नपत्रों में गलतियां नहीं होती हैं। ऐसी ही छवि यूपीपीएससी की बनानी है। इन विशेषज्ञों को हटाकर आयोग के पैनल में देश के विशिष्ट विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा।