लखनऊ | नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश के शहरी मतदाताओं की कसौटी पर हुई राजनीतिक दलों की परीक्षा का परिणाम आज सामने आएगा। यह चुनाव परिणाम ना केवल शहरी सत्ता में राजनीतिक दलों की भागीदारी तय करेगा बल्कि एक साल बाद होने वाले लोकसभा चुनाव में शहरी मतदाताओं का मिजाज भी बताएगा।प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों सहित 760 नगरीय निकाय चुनावों में दो चरणों में हुए मतदान के नतीजे शनिवार को आएंगे। चुनाव में भाजपा, सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे बड़े दलों के साथ अपना दल (एस), रालोद, एआईएमआईएम, निषाद पार्टी सहित तमाम दलों ने भी किस्मत आजमाई है।

भाजपा सहित अन्य राजनीतिक दलों ने निकाय चुनाव को लोकसभा चुनाव का पूर्वाभ्यास माना है। चुनाव में छोटे कस्बों से लेकर महानगरों के तक मतदाताओं ने मतदान किया है। जानकारों का मानना है कि इस चुनाव के नतीजों से छोटे कस्बों से लेकर महानगरों तक शहरी जनता का रुझान सामने आएगा।करीब 110 नगर पंचायतें नई होने के कारण वहां की आबादी अभी भी ग्रामीण परिवेश से बाहर नहीं है। लिहाजा कुछ हद तक चुनाव के नतीजे ग्रामीणों का रुझान भी बताएंगे। चुनाव के नतीजे बताएंगे कि शहरी जनता सत्तारूढ़ दल की केंद्र व प्रदेश सरकार की उपलब्धियों, दावों और वादों से संतुष्ट है या विपक्ष सत्तारूढ़ दल पर लगाए आरोपों को जनता की अदालत में साबित करने में सफल रहा है। नतीजे बताएंगे कि शहरी क्षेत्रों में किस राजनीतिक दल की कितनी पकड़ है। चुनाव के नतीजे राजनीतिक दलों की ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य समाज के साथ अगड़ी और पिछड़ी जातियों में जनाधार का संदेश भी देंगे।