बैंक और वित्तीय संस्थाओं की ओर से प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पिछले आठ सालों में 40.82 करोड़ लाभार्थियों को 23.2 लाख करोड़ के लोन बांटे जा चुके हैं। ये जानकरी सरकार की ओर से योजना शुरू होने के आठ साल पूरे होने पर दी गई।

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को केंद्र सरकार द्वारा 8 अप्रैल, 2015 को लॉन्च किया गया था। इसमें सरकार की ओर से बिना कुछ गिरवी रखे हुए व्यापार शुरू करने के उद्देश्य से छोटे व्यापारियों और नॉन- कॉरपोरेट को 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है।

वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए बयान के मुताबिक, पीएमएमवाई के तहत लोन बैंकों, वित्तीय संस्थाओं जैसे एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूट के माध्यम से दिए जा रहे हैं।

68 प्रतिशत लोन महिलाओं को

पीएमएमवाई में करीब 68 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों को दिए गए हैं और योजना के तहत आने वाले 51 प्रतिशत खाते एससी/एसटी और ओबीसी वर्ग के उद्यमियों के हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से इस दौरान कहा गया कि पिछले आठ सालों में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 40.82 करोड़ लाभार्थियों को 23.2 लाख करोड़ रुपये के लोन बांटे जा चुके हैं।  
यह दर्शाता है कि देश के नए उद्यमियों को लोन की आसान उपलब्धता से इनोवेशन और प्रति व्यक्ति आय में निरंतर वृद्धि हुई है।

आगे उन्होंने कहा कि एमएसएमई का 'मेक इन इंडिया' में बड़ा योगदान है। इनके विकास के कारण देश में घरेलू खपत के साथ-साथ निर्यात के लिए भी प्रोडक्शन बढ़ा है। एमएसएमई को पीएमएमवाई स्कीम से काफी सहारा मिला है।

कैसे ले सकते हैं लोन

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना छोटे व्यवसायों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई थी। इसके तहत बैंक तीन श्रेणियों - शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (50,000 रुपये से 5 लाख रुपये के बीच) और तरुण (10 लाख रुपये) लोन प्रदान करते हैं। कुल बांटे गए लोन में शिशु का 83 प्रतिशत, किशोर का 15 प्रतिशत और शेष 2 प्रतिशत तरुण है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए आप अपने नजदीकी बैंक में आवेदन कर सकते हैं।