किराये पर रहने वाले ऑटो ड्राइवर की 14 वर्षीय बेटी ने शुक्रवार की सुबह आत्महत्या कर ली थी। वह कक्षा नौ की छात्रा थी। पिता का आरोप है कि फीस जमा न कर पाने पर स्कूल प्रबंधन ने उसे परीक्षा में नहीं बैठने दिया था। 

बालिका शिक्षा और मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा के स्लोगन पर बरेली के ऑटो ड्राइवर अशोक की बेटी साक्षी गंगवाल के साथ हुई घटना बड़ा सवाल खड़ा रही है। गरीब परिवार की बेटी को फीस न देने की खातिर दो बार स्कूल से निकाल दिया गया। पिता के मुताबिक बेटी परीक्षा में न बैठ पाने की वजह से मन ही मन घुट रही थी, इसी घुटन में उसने जान दे दी।

बारादरी थाना क्षेत्र के दुर्गा नगर में किराये पर रहने वाले ऑटो ड्राइवर अशोक कुमार की 14 वर्षीय बेटी साक्षी गंगवार ने शुक्रवार सुबह आत्महत्या कर ली थी। घटना के दौरान पिता बाहर थे, जबकि मां कमलेश घर की सफाई में व्यस्त थीं। इसी दौरान साक्षी ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। बेटी को फंदा लगाता देख मां कमलेश ने आवाज भी लगाई, लेकिन उसने एक न सुनी। 

किराये के मकान में रहता है परिवार 

अशोक कुमार गंगवार ने बताया कि वह मूलरूप से नवाबगंज थाना क्षेत्र के गांव अभय राजपुर के निवासी हैं। गांव में परिवार को पालना मुश्किल हो रहा था। वह चाहते थे कि दोनों बच्चों को सही से पढ़ाकर किसी लायक बना सकें। इसलिए शहर में बसने का फैसला लिया। दुर्गानगर में किराये पर दो कमरे लेकर परिवार रहता है। 

वह ऑटो चलाकर परिवार को पालने और बच्चों को पढ़ाने में जुट गए। बेटी घर के पास ही स्थित सूरजमुखी सरस्वती विद्या मंदिर की छात्रा थी। अशोक के मुताबिक कोरोना काल से ही उनका काम सही नहीं चल रहा था, जिसकी वजह से वह लंबे समय से साक्षी के स्कूल की फीस जमा नहीं कर सके थे।

इसके चलते फीस के 25 हजार रुपये बकाया थे। 

आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने साक्षी को परीक्षा में नहीं बैठने दिया। स्कूल से उसे ताना देकर घर भेज दिया जाता था। इस तरह उसकी दो परीक्षा छूट गई थीं, जिसकी वजह से साक्षी मानसिक रूप से परेशान थी। उन्हें लगता है कि बेटी ने इसी उलझन में जान दी है। हालांकि उन्हें बेटी के इस कदम का आभास होता तो वह किसी भी तरीके से उसकी फीस जरूर जमा कर देते।

तंगी से जूझ रहा परिवार

अशोक कुमार के मुताबिक उनके पास नाममात्र जमीन है। परिवार में पत्नी कमलेश, 17 साल का बेटा शिवम और 14 साल की बेटी साक्षी थे। जमीन की आय से गुजारा नहीं हो पा रहा था तो शहर आकर बसे। पहले राशनकार्ड था, अब वह भी निरस्त हो चुका है।

'आत्महत्या के पीछे अन्य कोई वजह'

सूरजमुखी सरस्वती विद्या मंदिर के प्रबंधक मंगला प्रसाद अवस्थी ने बताया कि छात्रा के आत्महत्या करने के पीछे कोई अन्य वजह है, जिसकी जांच होनी चाहिए। वह 2019 से विद्यालय में पढ़ रही थी। आज तक विद्यालय को उसकी फीस नहीं मिली। इस साल छात्रा नौवीं और उसका भाई हाईस्कूल की परीक्षा दे रहा था। 

दोनों भाई बहनों की फीस इस बार भी नहीं आई थी। इसके बाद भी स्कूल ने दोनों को परीक्षा देने से नहीं रोका। छात्रा आखिरी बार 23 फरवरी को पहला पेपर देने आई थी उसके बाद से स्कूल नहीं आई है। आत्महत्या के पीछे की किसी अन्य वजह को स्कूल पर मढ़ा जा रहा है।