बिहार की राजनीति में पाला बदलने का खेल शुरू हो गया है। आने वाले दिनों में इसके परवान चढ़ने की संभावना है।

दूसरे दलों के कई नेताओं के भाजपा में जाने के चर्चा है। इसलिए कि भाजपा के पास लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव में दूसरों को देने के लिए अधिक सीटें हैं।

पाला बदलने वालों में पूर्व विधायक और पूर्व सांसद भी बताए जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके पूर्व मंत्री अजीत कुमार एवं पश्चिमी चंपारण जिले के राजेश सिंह भाजपा में सम्मिलित हो गए हैं।

कई घर देख चुके अजीत कुमार भाजपा का दामन थामने तक किसी दल में नहीं थे। कुछ ऐसा ही प्रभाव राजेश सिंह का वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र में है।

25 फरवरी को वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के लौरिया में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के दौरान पूर्व मंत्री राजेश सिंह और भारत सरकार से सेवानिवृत्त अधिकारी एपी पाठक समेत कई बड़े नेता भाजपा में शामिल हुए थे।

राजेश भाजपा से पहले कांग्रेस में थे। दो दिन पहले यानी शुक्रवार को पूर्व सांसद मीना सिंह ने भी जदयू से त्यागपत्र दे दिया। मीना के भी भाजपा में जाने की चर्चा है।

कुछ नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और महागठबंधन से इतर तीसरा मोर्चा के गठन की आस लगाए हुए हैं। बस पाला बदल के लिए उचित अवसर की तलाश एवं चुनावी गुणा-गणित स्पष्ट होने का इंतजार है।

शाह ने दिखाई थी सशर्त स्वागत को हरी झंडी

बिहार दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री ने भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में दो टूक कह दिया था कि बगैर शर्त अगर कोई भाजपा में शामिल होना चाहता है, तो उसका स्वागत है।

शाह का प्रदेश कोर ग्रुप के नेताओं को स्पष्ट संदेश था कि किसी शर्त या भविष्य की उम्मीद के साथ कतई किसी को पार्टी में शामिल नहीं कराएं।

विचार धारा और राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से पार्टी में जुड़ने वालों का स्वागत करें। वर्तमान समीकरण के आधार पर 2024 के चुनाव में राजग की शानदार सफलता की संभावना नहीं है।

यह वोट सहयोगी दलों को हस्तांतरित भी होता है। लोकसभा की दृष्टि से पिछले दो चुनाव के परिणाम से साफ है कि बिहार के मतदाताओं के बीच राजग गठबंधन पर ही भरोसा है।