उज्जैन ।  ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से सोमवार को भादौ मास में भगवान महाकाल की पहली सवारी निकली। भगवान महाकाल भक्तों को नौ रूपाें में दर्शन देने निकले। महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे शाही ठाठबाट के साथ सवारी की शुरुआत हुई। अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, गरुड़ पर शिवतांडव, नंदी पर उमा महेश, रथ पर होलकर, घटाटोप, जटाशंकर, रूद्रेश्वर तथा चंद्रशेखर रूप में सवार होकर निकले। परंपरागत मार्गों से होकर सवारी मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट पहुंची। यहां पुजारियों ने शिप्रा जल से भगवान महाकाल का अभिषेक पूजन किया। पश्चात सवारी मंदिर की ओर रवाना हुई। 11 सितंबर को श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी निकलेगी। महाकाल मंदिर के पुजारियों के लिए कॉलोनी बनेंगीविश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के सोलह पुजारी परिवारों के लिए जल्द ही कॉलोनी बनेगी।

महाकाल मंदिर के पुजारियों के लिए कालोनी बनेगी

विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के सोलह पुजारी परिवारों के लिए जल्द ही कालोनी बनेगी। सोमवार को उत्तम वृष्टि की कामना से महाकाल का महारुद्राभिषेक करने आए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इसकी स्वीकृति प्रदान की।

मंदिर समिति सदस्य पं.राम पुजारी ने बताया कि वर्तमान में पुजारी परिवार महाकालेश्वर मंदिर के चार किमी क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर रह रहे हैं। पुजारियों ने मुख्यमंत्री से पुजारी परिवार के लिए एक कालोनी निर्माण की मांग कीस इस पर तुरंत स्वीकृति देते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से भूमि का चयन कर प्रस्ताव भोपाल भेजने को कहा।