असम में विदेशी न्यायाधिकरण ने 68 लोगों के पहले जत्थे को विदेशी घोषित कर दिया है। इन सभी को गोलपार जिले के मटिया इलाके में बने सबसे बड़े ट्रांजिट कैंप में पहुंचा दिया गया है। असम के जेल महानिरीक्षक बरनाली शर्मा ने बताया कि इन 68 में 45 पुरुष, 21 महिलाएं और दो बच्चे गोलपारा जेल में बंद थे।

गुवाहाटी हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उन्हें शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। डिब्रूगढ़ में जिला जेल और केंद्रीय जेल में छह निरोध केंद्र हैं, बरनाली शर्मा ने कहा, गोलपारा, जोरहाट, कोकराझार, सिलचर और तेजपुर।

बरनाली ने बताया कि डिब्रूगढ़, गोलपारा, जोरहाट, कोकराझार, सिलचर और तेजपुर में जिला जेल और केंद्रीय जेल में छह डिटेंशन सेंटर हैं। मटिया के ट्रांजिट कैंप में 3000 लोगों को रखने की क्षमता है। अभी इसके तीन हिस्सों को लिया गया है। इनमें एक एक में पुरुष, महिलाओं व बच्चों को रखा गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में छह डिटेंशन सेंटरों में बंद कैदियों को चरणबद्ध तरीके से मटिया ट्रांजिट कैंप में स्थानांतरित किया जाएगा।