जयपुर। विधानसभा चुनाव 2023 मुहाने पर ही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निरंतर सरकार वापसी की बात कर रहे हैं, परंतु इसके लिए मुख्यमंत्री गहलोत को अफसरशाही और विधायकों का पूर्ण समर्थन चाहिए। विधायकों को साधने के लिए मुख्यमंत्री और पार्टी महामंथन कर रही है और साथ ही टिकट कट जाने का भय भी दिखा रही है, जबकि ब्यूरोक्रेसी को साधने के लिए न कोई मंथन चलेगा और न कोई भय, मुख्यमंत्री गहलोत भी जानते हैं कि अगर अफसरशाही ने पेन डाउन कर दिया तो फिर कोई भी योजना हो उसको सिरे से उतारना असंभव हो जाएगा।

इसी क्रम में सिविल सर्विस-डे को राजस्थान में खास बनने के लिए सिविल सेवा दिवस मनाया गया और साथ ही सिविल सेवा में उत्कर्ष कार्य करने वाले अफसरों को पुरस्कार भी दिए गए। मुख्यमंत्री गहलोत को ब्यूरोक्रेसी के साथ काम का 40 साल का अनुभव है, जिसका परिचय गहलोत ने मंच पर दिया।

दरअसल हुआ यूं कि सिविल सेवा के बड़े अधिकारी एम दामोदरन को विशेष मेहमान के रूप में बुलाया गया। दामोदरन अभी रिटायर्ड हैं और पिछले कई सालों से सिविल सेवा के अधिकारियों को मोटिवेशन देते हैं। दामोदरन का पूरा भाषण अंग्रेजी भाषा में हुआ, भाषण के दौरान कई बार मुख्य सचिव उषा शर्मा मुख्यमंत्री गहलोत को कुछ बताते हुए नजर आईं। 30 मिनट के भाषण में यह कई बार हुआ और सभी कानाफूसी कर रहे थे कि मुख्यमंत्री को अंग्रेजी नहीं आती इसलिए मुख्य सचिव मुख्यमंत्री गहलोत को बता रही हैं कि दामोदरन क्या कह रहे हैं।

सीएम ने अपनी कमजोरी को बनाया ताकत, बोले-अंग्रेजी कमजोर है

जब मुख्यमंत्री गहलोत अपनी बात करने के लिए मंच पर पहुंचे उस समय मुख्यमंत्री गहलोत को पता था कि हॉल में क्या चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी कमजोरी को ताकत बनाते हुए अपने भाषण की शुरुआत में ही बताया कि मेरी अंग्रेजी कमजोर है। मैं 40% समझ जाता हूं, 60% के लिए मदद लगती है, जो आज मुख्य सचिव उषा शर्मा कर रही थीं, वो मुझे बता रही थीं कि क्या बोला जा रहा है।

झिझक के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठीं मुख्य सचिव उषा

मुख्यमंत्री गहलोत यही नहीं रुके वो बोले कि जैसी मेरी अंग्रेजी है, ठीक उसी प्रकार की हिन्दी दामोदरन कि है, इसलिए अब मुख्य सचिव दामोदरन को भी बताए कि मैं क्या बोल रहा हूं। इस बात पर पूरा हॉल हंसी से गूंज गया, मुख्यमंत्री गहलोत ने मुख्य सचिव को अपनी कुर्सी पर बैठाकर दामोदरन को ट्रांसलेट करने के लिए कहा। पहले तो मुख्य सचिव थोड़ी झिझकीं पर मुख्यमंत्री गहलोत के निरंतर अग्राह के आगे उनको मानना पड़ा और मुख्य सचिव के मुख्यमंत्री गहलोत की कुर्सी पर बैठते ही हॉल में तालियां गूंज उठीं।

गहलोत ने अपने पक्ष में किया माहौल

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी सादगी से पूरा माहौल अपने पक्ष का बना दिया और फिर बड़े सादगी भरे अंदाज में सबको यह भी समझा दिया को उन्होंने इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव के साथ काम किया है, उन्हें ब्यूरोक्रेसी से काम करवाना आता है। मुख्यमंत्री गहलोत का यह दावा कितना असर डालता है समय तय करेगा, परंतु गहलोत की सादगी से अभी तो अफसरशाही खुश ही नजर आ रही है।