भारत दर्शन यात्रा के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री, मुख्यमंत्री, प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन महामंत्री ने किया भव्य स्वागत
एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजनांतर्गत समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को साझा करने की पहल 
मुख्यमंत्री निवास पर हुआ तेलुगु संगमम कार्यक्रम

  

 भोपाल ।   भारत की अतिथि देवो भव: की परंपरा रही है। मध्यप्रदेश की धरती पर तेलुगु भाई-बहनों का हमेशा स्वागत है। सांस्कृतिक रूप से भारत सदैव एक था, एक है और एक रहेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज वैभवशाली, गौरवशाली और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। मध्यप्रदेश की विकास दर निरंतर आगे बढ़ रही है। कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से मैं “एक भारत-श्रेष्ठ भारत योजना“ में भारत दर्शन यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश पधारे तेलुगु भाई-बहनों का स्वागत करता हूँ। आत्मीयता और स्नेह से मध्यप्रदेश की धरती पर आप हमेशा पधारें। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने तेलुगू संगम संस्था की भारत दर्शन यात्रा के मुख्यमंत्री निवास पहुंचने पर उनका स्वागत करते हुए कही। भोपाल पहुंचने पर इस यात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया।
 

   प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पुष्प-वर्षा कर तेलुगु भाषी भाई-बहन का स्वागत किया। कार्यक्रम में 30 कलाकारों के दल द्वारा तेलुगु नृत्य एवं गायन की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गई। अतिथियों का स्मृति-चिन्ह और स्टॉल भेंट कर तेलंगाना और मध्यप्रदेश राज्य की कला-संस्कृति अनुसार अभिनंदन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मैं पार्टी के प्रदेश प्रभारी श्री मुरलीधर राव जी का आभार व्यक्त और धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कल्पना को साकार रूप देने का आपने काम किया है। चार धाम, द्वादश ज्योतिर्लिंग, 52 शक्तिपीठ, 4 महाकुंभ, देश के अलग-अलग हिस्सों में है और सांस्कृतिक रूप से भारत सदैव एक रहा है। राजनीतिक रूप से भले ही अलग-अलग राज्यों का उदय हो गया हो लेकिन सांस्कृतिक रूप से भारत एक था, एक है और एक रहेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश और तेलंगाना राज्य में कई समानताएँ हैं। मध्यप्रदेश हीरों की खान है। यहाँ सतपुड़ा, पेंच, कान्हा जैसे कई टाइगर रिजर्व हैं। प्रदेश आज सड़क, बिजली, सिंचाई सहित अनेक क्षेत्रों में लगातार आगे बढ़ रहा है। यह आपका अपना ही प्रदेश है, अपने आपको कभी अलग नहीं समझना। सांची के स्तूप के प्रवेश द्वार में आपको तेलंगाना के प्रतीक चिन्ह काग की तोरणम की छवि दिखाई देगी, बुरहानपुर में कुंडी भंडारा बुरहानपुर के कुंडी भंडारे की तरह ही गोलकुंडा का किला अपने अनोखे जल प्रदाय तंत्र के लिए दुनिया में विख्यात है। 
  

 पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश जी ने कहा कि 12 प्रकार की रामायण की रचना तेलुगु भाषा में हुई है। भगवान राम जी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं लेकिन उनके बारे में ग्रंथ की रचना वह भी 12 अलग-अलग कवियों ने की एक तेलुगु भाषा में की इसका मतलब है राम हमें जोड़ते हैं। भगवान राम जी उत्तर से दक्षिण गए हम सबको मालूम है। उत्तर में अयोध्या है वैसे ही तेलंगाना में दक्षिण की भद्राचलम है। भगवान वनवास के कालखंड में भद्राचलम के अंदर रुके और इसलिए राम उत्तर से दक्षिण जोड़ते हैं। हम सबके हृदय के अंदर राम बैठे हैं, इसलिए हम सब एक हैं। इसी तरह भगवान कृष्ण भी हम सभी को जोड़ते हैं। उन्होंने कहा कि दूसरी बात भगवान शिवजी कैलाश में बैठे हैं ,वह महाकाल में भी है,श्रीशैलम में गोदावरी के किनारे मल्लिकार्जुन सहित संपूर्ण ब्रह्मांड में भी समाए हैं। पूरे विश्व के अंदर 52 शक्ति पीठ हैं। यह 52 शक्तिपीठ बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तिब्बत सहित देश के अनेक स्थानों पर हैं। यह शक्तिपीठ भी हम सबको जोड़ने का काम करते हैं। क्योंकि हम मां के उपासक हैं इसलिए हम सब एक हैं। हनुमान जी ने अपना संपूर्ण जीवन भगवान श्री राम के सेवा में अर्पित कर दिया लेकिन जन्में तिरुपति के पास की पहाड़ी अंजनी गिरी में।  हनुमान जी आंध्र में जन्मे और अयोध्या की सेवा में लग गए। 
  

 भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में तेलुगु से सभी भाई-बहन आज मध्यप्रदेश की यात्रा पर है भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और पूरे मध्यप्रदेश कक जनता आनंद का अनुभव कर रही है। हम गौरवान्वित हैं कि प्रदेश में तेलुगु भाषी भाई-बहन भारत दर्शन यात्रा में भोपाल पधारे हैं। मैं आप सभी का हृदय से स्वागत करता हूँ। आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आप सबका आतिथ्य किया है। आप लोगों का यात्रा के माध्यम से मध्यप्रदेश को समझने का यह प्रयास बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा कि मैं जब विद्यार्थी परिषद में राष्ट्रीय महामंत्री था तब तेलंगाना राज्य की मांग उस समय चल रही थी। तेलंगाना को लेकर विद्यार्थी परिषद का लगभग एक लाख लोगों का आंदोलन में स्वर्गीय श्रीमती सुषमा जी के साथ मैं भी सहभागी हुआ था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक भारत-श्रेष्ठ भारत की पहल की है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधकर भारत को ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ बनाने का कार्य कर रहे हैं।  काशी के अंदर भी जो उन्होंने प्रयास किए। आज श्री  मुरलीधर राव जी के प्रयासों के कारण से तेलुगु संगम संस्था की भारत दर्शन यात्रा एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार रूप देने का प्रयास है। भोपाल के अंदर रहने वाले हमारे सभी तेलुगु भाई और बहन जो आज इस कार्यक्रम के कारण यहां पर एकत्रित हुए हैं तो यह भी हमारे लिए मध्यप्रदेश के लिए एक बहुत सौभाग्य का अवसर है। 
  

 पार्टी के प्रदेश संगठन प्रभारी व तेलुगु संगमम् के संस्थापक श्री मुरलीधर राव ने कहा कि राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, बनारस और काशी में कॉरिडोर का निर्माण हुआ उसी तर्ज पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में महाकाल में दुनिया भर के हिंदू आते हैं अब महाकाल लोक के उद्धार होने के बाद ऐसा लग रहा है वैभव का पूरा प्रकाश पूरे दुनिया में छा रहा है। राष्ट्रवाद के समर्पित सुशासन करने वाले सरकार और नेता होते हैं। हमारा देश शिक्षकों, किसानों, पूरी दुनिया के लिए अन्नपूर्णा बना हुआ देश है। जैसे विश्व गुरु हैं वैसे ही अन्न दान करने वाला देश हुआ है। मध्यप्रदेश ऐसा प्रदेश जो बीमारू राज्य से संपन्न प्रदेश के रूप में स्थापित किया तो लगातार किसान की प्रगति और किसान के उत्पादन कृषि की उत्पादकता और किसानों की आमदनी बढ़ाने का अवार्ड लगातार जीतने का वाला प्रदेश है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश 23 प्रतिशत ग्रोथ रेट हासिल करने वाला प्रदेश है। जिस देश और प्रदेश में गरीबों का कल्याण होता है वही देश और प्रदेश दुनिया के लिए मार्गदर्शक बनता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीब कल्याण के लिए ऐसे कई कल्याणकारी कार्यक्रम जनता के लिए दिए हैं। राष्ट्रवाद का मतलब केवल एक पहलू नहीं संपूर्ण विकास ही राष्ट्रवाद है। 
  

 श्री आई.वाय.आर. कृष्णाराव ने कहा कि सांस्कृतिक एकता भारत की पहचान है। भारत ने अपनी सांस्कृतिक एकता की विदेशों में भी अमिट छाप छोड़ी है। भारत में सांस्कृतिक एकता बहुत पहले से थी और आगे भी रहेगी। मध्यप्रदेश शासन ने सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उज्जैन में श्री महाकाल लोक का निर्माण कराया है।