भोपाल। मौसम का बदलता मिजाज फसलों की सेहत पर भारी पड़ रहा है, ओर इसने किसानो के चेहरे पर चिंता की लकीरे ला दी है। अचानक गर्मी तेज होने होने से पैदावार में कमी की आशंका है। किसानो का मानना है कि इस साल की जनवरी मे मौसम काफी सर्द रहा लेकिन फरवरी सबसे गर्म होने से फसलों का नुकसान हो सकता है, और जहां पर गेहूं की फसल लगभग तैयार है, वहॉ इसका असर देखने को मिलेगा। कृषि अधिकारियो का भी मानना है कि अधिक तापमान गेंहू की फसल के लिए अच्छा संकेत नही है, लेकिन रात मे ठंडक बनी रहने से उत्पादन में कमी की संभावना कम है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस है। इस कारण राजस्थान के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में चक्रवाती हवा का घेरा बना है। इसके असर से मध्यप्रदेश में भी बादल छा रहे हैं। वहीं एक दो दिनो मे अधिकतर शहरों में गर्मी का असर बढ़ जाएगा। हालांकि बीते दिन बादल छाने और हल्की बूंदाबांदी के कारण कई शहरों के दिन के तापमान में गिरावट आई है। अनुमान है कि 3 मार्च के बाद आसमान साफ होने से तापमान में बढ़ोत्तरी होगी। मार्च के दूसरे पखवाड़े में लू जैसी स्थिति बनेगी।