जयपुर। राजस्थान में जयपुर जिले के पोक्सो न्यायालय ने दुष्कर्म का दोषी मानते हुए आरोपित को दस साल की सजा सुनाई। इस पर पीड़िता अपने बच्चों के साथ न्यायालय में पहुंच गई। पीड़िता ने न्यायालय में कहा, उसके साथ आरोपित ने दुष्कर्म किया था। लेकिन बाद में आरोपित ने उससे शादी कर ली और वह अपने बच्चों के साथ खुशहाल जीवन जी रहे हैं। आरोपित पति को माफ कर इस प्रकरण से बरी किया जाए।

दस साल की सजा को न्यायालय ने माना सही

जज संदीप कुमार शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा की दोषी राहुल बिजारणियां ने मामले में पीड़िता के बालिग होने पर उसके साथ शादी कर ली। उनके एक बच्चा भी है। इससे मामले पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि घटना के समय पीड़िता नाबालिग थी। न्यायालय ने दस साल की सजा को सही माना। न्यायालय ने कहा कि कानून में नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है।

पीड़िता के चचेरे भाई ने दर्ज कराई थी शिकायत

जानकारी के अनुसार, 23 सितंबर, 2020 को पीड़िता के चचेरे भाई ने जोबनेर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में कहा था कि उसके चाचा की बेटी 18 सितंबर को घर में बिना बताए कहीं चली गई। काफी तलाश करने के बाद भी वह नहीं मिली। बाद में पुलिस ने आरोपित रतन को 22 नवंबर, 2020 को गिरफ्तार कर चार जनवरी, 2021 को न्यायालय में चालान पेश किया।

पीड़िता ने क्या कहा

पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपित नाबालिग को महाराष्ट्र ले गया था और दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। पीडिता ने गवाही में भी कहा कि वह मर्जी से उसके साथ गई थी और मर्जी से ही संबंध बनाए थे। लेकिन जब मामला दर्ज हुआ था। उस समय पीड़िता की उम्र 17 साल 4 माह थी। बाद में दोनों ने महाराष्ट्र में ही शादी कर ली थी। वह अब बालिग है।