एनसीबी  के मुंबई जोन के पूर्व निदेशक समीर वानखेड़े  से ठाणे पुलिस  ने उनके खिलाफ दर्ज जालसाजी के मामले में बुधवार को आठ घंटे तक पूछताछ की | वानखेड़े द्वारा नवी मुंबई में अपने रेस्तरां और बार में शराब बेचने के वास्ते लाइसेंस प्राप्त करने के उद्देश्य से 1997 में कथित तौर पर जालसाजी और गलत जानकारी देने के लिए पुलिस ने यहां एक मामला दर्ज किया है | दिलचस्प बात यह है कि पुलिस ने वानखेड़े से उसी दिन पूछताछ की जब प्रवर्तन निदेशालय  ने मुंबई में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक से पूछताछ की और बाद में उन्हें धनशोधन के मामले में गिरफ्तार कर लिया | राकांपा नेता मलिक ने इससे पहले वानखेड़े पर सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने सहित कई आरोप लगाए थे |

बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को ठाणे पुलिस को निर्देश दिया था कि प्राथमिकी के सिलसिले में 28 फरवरी तक वानखेड़े के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए | अदालत ने यह भी कहा था कि सम्मन भेजे जाने पर जांच में सहयोग करने के लिए उन्हें शहर की पुलिस के सामने पेश होना होगा |

8 घंटे तक चली पूछताछ

अधिकारी ने कहा कि बुधवार को वानखेड़े अपने वकील के साथ ठाणे के कोपरी थाने में सुबह साढ़े ग्यारह बजे पहुंचे | उन्होंने कहा, उनसे आठ घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई और वह रात करीब पौने आठ बजे थाने से बाहर निकले | वानखेड़े ने अपने विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी निरस्त कराने के लिए सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी |