सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ई विद्यावाहिनी के माध्यम से ऑनलाइन उपस्थिति बनाना अनिवार्य है। इसके लिए जीपीएस सिस्टम भी लगा है, जिसके तहत स्कूल के 100 मीटर के दायरे में उपस्थिति बनानी है। लेकिन शिक्षक दूसरी जगहों से भी उपस्थिति बना रहे हैं। यही नहीं, शिक्षक बैक डेट से उपस्थिति बना रहे हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को विभिन्न स्रोतों व उपस्थिति विश्लेषण से गड़बड़ी पकड़ में आई है। अब इसकी जांच करने तथा दोषी शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया गया है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने विभिन्न जिलों के ऐसे 992 शिक्षकों की पहचान की है जो किसी न किसी तरह गड़बड़ी कर गलत ढंग से उपस्थिति बना रहे हैं। सबसे अधिक ऐसे 214 शिक्षक पलामू के हैं। विभाग के सचिव के. रवि कुमार ने सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों तथा जिला शिक्षा अधीक्षकों को अपने अधीनस्थ एवं विश्वस्त पदाधिकारियों द्वारा स्कूलों का भ्रमण कर इसकी जांच करने को कहा है। उन्होंने जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए हैं। सचिव ने जांच और उसके आधार पर होने वाली कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। उन्होंने शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में भी इसे लेकर सख्त निर्देश दिए। उन्होंने जिला पदाधिकारियों को ऐसे शिक्षकों की सूची भी भेजी है।

लोकेशन चेंजर एप का कर रहे उपयोग

विभाग के विश्लेषण में यह पता चला कि शिक्षक लोकेशन चेंजर एप के सहयोग से लोकेशन बदलकर उपस्थित बना रहे हैं। इससे स्कूल से सौ मीटर से अधिक दूरी होने पर भी शिक्षकों की उपस्थिति बन जा रही है।

किस जिले में गड़बड़ी करने वाले कितने शिक्षक किए गए चिह्नित

बोकारो : 17, चतरा : 34, देवघर : 66, धनबाद : 20, दुमका : 81, गढ़वा : 42, गिरिडीह : 81, गोड़डा : 103, गुमला : 11, हजारीबाग : 13, जामताड़ा : 07, सिमडेगा : 12, खूंटी : 03, कोडरमा : 21, लातेहार : 46, लोहरदगा : 16, पाकुड़ : 35, पलामू : 214, पश्चिमी सिंहभू : 52, पूर्वी सिंहभूम : 20, रामगढ़ : 14, रांची : 20, साहिबगंज : 36, सरायकेला खरसावां : 28