क्रेडिट कार्ड के जरिए होने वाला खर्च मई में रिकॉर्ड हाई 1.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जारी किए गए डाटा में ये जानकारी दी गई। हालांकि, क्रेडिट कार्ड से होने वाला खर्च पिछले वित्त वर्ष की तरह ही एक सीमित दायरे में रहा है और मासिक आधार पर पांच प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है।

क्रेडिट कार्ड की संख्या में हुआ इजाफा

क्रेडिट कार्ड की संख्या में 2023 की शुरुआत से अब तक 5 मिलियन (50 लाख) की बढ़ोतरी हुई है और इसने 87.4 मिलियन (8.74 करोड़) के आंकड़े को छू लिया है। आरबीआई के डाटा ये जानकारी मिली। चालू वित्त वर्ष के दो महीने में दो मिलियन क्रेडिट कार्ड जोड़े गए हैं। डाटा में जानकारी दी गई कि देश में जनवरी 2023 में 82.4 मिलियन (8.24 करोड़), फरवरी 83.3 मिलियन (8.33 करोड़), मार्च 85.3 मिलियन (8.53 करोड़) और अप्रैल 86.5 मिलियन (8.65 करोड़) पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 2022-23 में क्रेडिट कार्ड से खर्च 1.1 लाख करोड़ से लेकर 1.2 लाख करोड़ बीच रहा था। मई में 1.4 लाख करोड़ रुपये था। आरबीआई के डाटा के मुताबिक, क्रेडिट कार्ड का औसत खर्च 16,144 रुपये रहा है।

देश के सबसे बड़ी क्रेडिट कार्ड कंपनियां

एचडीएफसी बैंक - 1.81 करोड़
एसबीआई कार्ड्स - 1.71 करोड़
आईसीआईसीआई बैंक - 1.46 करोड़
एक्सिस बैंक- 1.24 करोड़

एसेट क्वालिटी कैसी है?

90 दिन से अधिक समय तक क्रेडिट कार्ड का बिल न भुगतान करने वालों की संख्या 2.94 प्रतिशत रही है। पिछले साल के मुकाबले इसमें 0.66 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि, इसी अवधि में पसर्नल लोन की एसेट क्ववालिटी में 0.04 प्रतिशत का सुधार होकर  0.94 प्रतिशत हो गया है।