आगरा। यमुना में बाढ़ से हालात मुश्किलों भरे होने लगे हैं। कैलाश गांव की गलियों में पानी आने से लोग भयभीत हैं और अपना सामान शिफ्ट कर रहे हैं। वहीं दशहरा घाट डूब गया है और पानी ऊपर चढ़ रहा है। जिले में 350 बीघा से अधिक फसल पानी में डूब चुकी है।

शहर में न घुसे पानी

यमुना में बाढ़ का पानी शहर में न घुसे इसके लिए उपाय किए जा रहे हैं, नालों को टेप किया है। सोमवार को यमुना का जलस्तर 497 फीट पर पहुंच गया है। इसके 499 फीट पहुंचने का अनुमान है। 495 फीट लो फ्लड लेवल है और 499 फीट मीडियम फ्लड लेवल है। घाटों बैरीकेडिंग की है और बाढ़ चौकियां सतर्क हैं। एसडीआरएफ की टीम रविवार को आई है, तो आज एनडीआरएफ टीम आ जाएगी।

स्मारक की दीवारों तक पहुंचा पानी

आगरा में यमुना के किनारे पर ताजमहल, एत्माद्दौला, मेहताब बाग, चीनी का रोजा, रामबाग समेत कई स्मारक बने हुए हैं। रविवार सुबह यमुना का जल स्तर लो फ्लड लेवल 495 फुट से ऊपर पहुंचा तो स्मारक भी प्रभावित हुए बगैर नहीं रहे। ताजमहल के पार्श्व में यमुना किनारे बनाए गए उद्यान में जल स्तर बढ़ने से यमुना का पानी पहुंच गया। यमुना स्मारक की दीवार तक पहुंच गई है। यहां एएसआइ ने पूर्व में प्लिंथ प्रोटेक्शन का काम किया था। वहां तक यमुना का पानी पहुंच गया है। टीले की ऊंचाई से ताजमहल का बेसमेंट सात से आठ फुट ऊंचा है।

पांच सौ फीट तक पहुंचने का अनुमान

सिंचाई विभाग का पूर्वानुमान यमुना का जल स्तर 499-500 फीट तक पहुंचने का है। इससे स्मारक के तहखाना में पानी पहुंचने की उम्मीद कम है। उधर, एत्माद्दौला की यमुना किनारे बनी कोठरियों में रविवार को एक से डेढ़ फुट तक पानी भर गया। स्मारक की यमुना किनारे की तरफ खुलने वाली सीढ़ियों में भी पानी पहुंच गया है। जल स्तर बढ़ने के बाद यमुना रामबाग, चीनी का रोजा, काला गुंबद, जाेहरा बाग एत्माद्दौला, मेहताब बाग की दीवार से सटकर बह रही है।

1924 में एत्माद्दौला के उद्यान में भरा था पानी

अक्टूबर, 1924 में आई बाढ़ के समय एत्माद्दौला की यमुना किनारा की तरफ बनीं कोठरियां पानी में पूरी तरह डूब गई थीं। स्मारक के उद्यान में यमुना का पानी भर गया था। 1924 में आई बाढ़ का लेवल यहां यमुना किनारा की तरफ बनी बारादरी में दाईं तरफ के पत्थर पर अंकित है। यमुना किनारा बनी कोठरियों में सिल्ट भर गई थी। बाढ़ उतरने के बाद कोठरियों के दरवाजे ईंटों की चिनाई कर बंद करा दिए गए थे। इन्हें छह-सात वर्ष पूर्व खोला गया था, तब कोठरियों में सिल्ट भरी मिली थी।

45 वर्ष पूर्व ताजमहल के बेसमेंट में पहुंचा था पानी

45 वर्ष पूर्व 1978 में आई बाढ़ के समय ताजमहल के तहखाने में पानी पहुंच गया था। तब यमुना का जल स्तर हाई फ्लड लेवल 508 फीट तक पहुंचा था। 

पुराने कर्मचारियों ने 1978 की बाढ़ के बाद यमुना द्वारा कभी ताजमहल को नहीं छूने की जानकारी दी है। इस बार यमुना ताजमहल की दीवार तक पहुंच गई है। रामबाग, एत्माद्दौला, काला गुंबद, जौहरा बाग, एत्माद्दौला, मेहताब बाग से सटकर बह रह रही है। विभागीय कर्मचारियों द्वारा यमुना के जल स्तर की निरंतर निगरानी की जा रही है। -राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद्