सात सौ करीब भारतीय विद्यार्थियों को फर्जी दस्तावेजों पर कनाडा भेजने वाले ट्रैवल एजेंट ब्रजेश मिश्रा को कनाडा में गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है ब्रजेश मिश्रा पर विद्यार्थियों को फर्जी स्वीकृति पत्र जारी करने का आरोप है। यह मामला पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान व राज्य मंत्री कुलदीप धालीवाल के समक्ष लाया गया था।

विद्यार्थियों को डिपोर्ट करने जा रही थी कनाडा सरकार

सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कनाडा सरकार से बात की थी। कनाडा सरकार ने विद्यार्थियों को अपना पक्ष रखने की बात कही थी। विद्यार्थियों ने धोखा होने की बात कही थी। कनाडा सरकार ने विद्यार्थियों को डिपोर्ट करने जा रहा था। बीते सात जून को विद्यार्थियों ने कनाडा एबेंसी के बाहर धरना प्रदर्शन दिया था।

वीजा लगाने के बाद अंडर ग्राउंड हुआ संचालक

विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया था। भारतीय विद्यार्थी कह रहे है कि वे फर्जीवाड़े का शिकार हुए है। कनाडा में दाखिला लेने वाले पंजाब के विद्यार्थी अधिक है। सात सौ विद्यार्थियों में से अधिकतर विद्यार्थियों ने जालंधर के बस स्टैंड स्थित एजुकेशन माइग्रेशन सर्विस सेंटर के संचालक ब्रजेश मिश्रा से वीजा लगाया था। वीजा लगाने के बाद संचालक अंडर ग्राउंड हो गया था।

विद्यार्थियों के साथ हुआ धोखा

एसोसिएशन आफ कंसलटेंट फार स्टडीज एसोसिएशन के सदस्य सुखविंदर नंद्रा ने कहा कि उक्त एजेंट एसोसिएशन का सदस्य नहीं था। एसोसिएशन को इस एजेंट की जानकारी नहीं थी। विद्यार्थियों के साथ धोखा हुआ है। एजेंट ने उक्त विद्यार्थियों को हंबर कालेज में दाखिला नहीं दिलवाया। विद्यार्थियों की ईमेल के बजाए एजेंट ने खुद की ईमेल आइडी दी हुई थी।

कॉलेज में सीटें फुल होने का करता था झूठा दावा

विद्यार्थी को दाखिला संबंधित जानकारी नहीं मिल रही थी। जिस कारण ठगी हुई। हालांकि एजेंट विद्यार्थियों के संपर्क में था। कनाडा के हंबर कॉलेज में दाखिला न मिलने के कारण उक्त एजेंट विद्यार्थियों को फोन करके कहता था कि कालेज की सीटें फुल है। किसी अन्य कालेज में दाखिल करवा देते है।

हंबर कॉलेज के पकड़ाए झूठे ऑफर लेटर

एजेंट कुछ पैसे विद्यार्थियों के अभिभावकों को लौटा भी दिए थे। ताकि किसी को धोखाधड़ी का पता न चल सके। विद्यार्थियों को जिस कॉलेज में दाखिल करवाया गया वह अंतरराष्ट्रीय स्टडीज के नियम पूरे नहीं करता था। हंबर कॉलेज के झूठे ऑफर लेटर ने विद्यार्थियों को पकड़ में आए। एजेंट द्वारा की गई धोखाधड़ी का भुगतान विद्यार्थियों का करना पड़़ रहा है।