जयपुर । प्रदेश के देवस्थान विभाग के मंदिरों को लोकप्रिय बनाने और और आम जनता तक इसकी जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से देवस्थान और पर्यटन विभाग के बीच एक समझौता करने पर विचार किया जा रहा है। देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने देवस्थान विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित समीक्षा बैठक में अधिकारियों को इस बारे में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।
कुमावत ने कहा कि हमारे मंदिर पुरातात्विक दृष्टि से श्रेष्ठ मंदिर हैं। पर हमारे इन मंदिरों में लोगों का आना—जाना कम है। साथ ही आर्थिक दृष्टि से भी ये सरकार पर निर्भर हैं। अगर इन्हें पर्यटन विभाग से जोड़ दिया जाए तो इनमें पर्यटकों का आना जाना तो बढ़ेगा ही साथ ही इनकी आय भी बढ़ेगी। उन्होंने इसके लिए प्रदेश के 50-100 मंदिरों का चयन करने का निर्देश दिया जो पुरातत्व की दृष्टि से उत्कृष्ट हैं। उन्होंने देवस्थान विभाग के मंदिरों के विकास के संबंध में कार्ययोजना पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि नंदन कानन योजना पर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इससे हमारे मंदिरों का सौंदर्यीकरण तो होगा ही साथ ही पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक असर होगा।मंत्री श्री कुमावत ने विभाग में लंबे समय से लंबित प्रकरणों पर नाराजगी जाहिर करते हुए जल्द से जल्द उनका निस्तारण करने के निर्देश दिए और कहा कि भविष्य में प्रयास होना चाहिए कि कोई भी मामला लंबे समय तक लंबित न रहे।