जयपुर | राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस में फूट पड़ती दिखाई दे रही है। राहुल गांधी के उदयपुर दौरे के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के सीएम अशोक गहलोत पर बड़ा आरोप लगाया है। सचिन पायलट ने कहा, सीएम अशोक गहलोत के भाषण को सुनने के बाद यह लगता है कि सोनिया गांधी उनकी नेता ही नहीं हैं, बल्कि उनकी नेता वसुंधरा राजे सिंधिया हैं।

पायलट ने कहा, साल 2020 में मैं उप मुख्यमंत्री था, उस समय राजद्रोह के आरोप में मुझ पर कार्रवाई करने की कोशिश की गई थी। नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, इसलिए दिल्ली गए AICC से बात रखी, जिसके बाद एक कमेटी का गठन हुआ। कमेटी ने सबकी बात सुनी और उसके आधार पर एक रोड मैप तैयार किया गया। इसके बाद से हर छोटे-बड़े कार्य में सभी साथियों ने मिलकर काम किया और मेहनत की, अनुशासन तोड़ने का कार्य कभी किसी ने नहीं किया।

सचिन पायलट ने आगे कहा कि उन्हें पहले भी कोरोना, गद्दार-निकम्मा तक कहा गया। अशोक गहलोत ने जो आरोप लगाए, वह पहले कई बार लगाए जा चुके हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर हम कुछ नहीं कहना चाहते थे। अशोक गहलोत के भाषण ने कांग्रेस के नेताओं का अपमान किया और बीजेपी के नेताओं का गुणगान किया, ये समझ से परे है। ऐसे विधायकों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जो राजनीति में 40-45 साल से काम कर रहे हैं। उनके क्षेत्र के लोग जानते हैं कि वह कैसे नेता हैं, कैसा काम करते हैं। ऐसे विधायकों पर इल्जाम लगाना गलत है।

जब-जब वसुंधरा राजे के काल में करप्शन की बात करता हूं, पेपर लीक आदि की बात करता हूं तो जवाब ही नहीं मिलता। इसलिए मैंने फैसला लिया है कि 11 तारीख को अजमेर से एक यात्रा निकालूंगा। जनता के बीच जाकर जनता की आवाज सुनेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे। नौवजानों के मुद्दों को उठाकर जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी। सचिन पायलट का कहना है कि सही फैसले तब लिए जाएंगे, जब जनता का प्रेशर सरकार पर बनेगा।