लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से फंडिंग का खुलासा हुआ है। यूपी एटीएस को इस बात के पुख्ता सबूत भी मिले हैं। इस बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश हाल ही में गिरफ्तार संदिग्ध आतंकियों से मिले इनपुट के आधार पर हुआ है। इसी ‎बिना पर बीते दिनों यूपी एटीएस गाजियाबाद के फरीदनगर तक पहुंची, जहां कैनरा बैंक की एक ब्रांच में उसे संदिग्ध खाते का पता चला। बताया जा रहा है कि गाजियाबाद की फरीदनगर की केनरा बैंक ब्रांच में खोले गए संदिग्ध बैंक अकाउंट से एक महीने में 70 लाख रुपये की विदेशी फंडिंग की गई थी। मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच 70 लाख रुपये की विदेशी फंडिंग के यूपी एटीएस को सबूत मिले हैं। केनरा बैंक का ये अकाउंट गाजियाबाद के रहने वाले रियाजुद्दीन के नाम खुला था। जबकि, बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले इजहारुल हुसैन का मोबाइल नंबर इस बैंक अकाउंट में लिंक था। बताया जा रहा है ‎कि पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के जरिए रियाजुद्दीन और इजहारुल हुसैन बड़े हमले की प्लानिंग के लिए फंडिंग कर रहे थे। 
बता दें ‎कि बिहार का रहने वाला इज़हारुल हुसैन कॉलिंग ऐप के जरिए पाकिस्तानी एजेंट के सीधे संपर्क में था। सुरक्षा संस्थानों के साथ-साथ प्रतिष्ठानों और भारतीय सेना की जासूसी के नेटवर्क में फंडिंग कर रहे थे। खाते में आई रकम को कई अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया। फिलहाल, यूपी एटीएस को दोनो नामजद आरोपियों की तलाश है। एटीएस ने खाता धारक रियाजुद्दीन, बिहार के इजहारुल हुसैन और अज्ञात पाकिस्तानी एजेंट के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज की है। आने वाले दिनों में और भी छापेमारी हो सकती है। हाल ही में एटीएस ने आलमबाग भमौला में रहने वाले अब्दुल्ला अर्सलान और मंजूरगढ़ी में रहने वाले माज बिन तारीक को पकड़ा है। दोनों का कनेक्शन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से मिला है।