जयपुर । वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा ने वित्त विभाग एवं इलेट्स टेक्नोमीडिया की साझेदारी में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय राजस्व सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि वित्तीय प्रबन्धन व राजस्व जनकल्याण व राज्य के विकास से गहन रूप में जुड़ा हुआ है, इसलिए राजस्व को  विकास और सृजन की दृष्टि से भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अलग-अलग विभागों द्वारा एकीकृत सूचना तंत्र से जुड़कर समस्त प्रक्रिया को ऑटोमेंट किया जाए। 
उन्होंने कहा कि जिस सन्दर्भ में आधिकारिक विवेक और व्याख्या की सम्भावना होती है, उसमें भी हमारे प्रशासनिक आदेश, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) व दिशा-निर्देश इस प्रकार की होने चाहिए कि सबके लिए एक ही प्रकार की व्याख्या विद्यमान हो सके। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में वर्तमान में आईएफएमएस तथा आईआरएमएस एक ही दिशा में कार्यरत हैं। इस अवसर पर वित्त (राजस्व) विभाग के शासन सचिव डॉ. कृष्णा कांत पाठक ने पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में किये जाने वाले नवाचारों जैसे ऑटो डीड जेनरेशन सिस्टम, राजस्टैम्प, आधार बेस्ड प्रमाणीकरण, राजस्व संभावनाओं का मैप बेस्ड इंटीग्रेशन, मॉडल उप पंजीयक कार्यालयों की स्थापना, प्रॉपर्टी रजिस्टर मौका निरीक्षकों का नियोजन आदि बिन्दुओं पर जानकारी दी। वहीं खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक श्री संदेश नायक ने खनन विभाग में किये जा रहे ऑनलाईन इन्टीग्रेशन की चर्चा की, जिसमें उन्होंने जीआईएस मैपिंग की भावी और दूरगामी रणनीति पर भी प्रकाश डाला। साथ ही उन्होंने इससे अलग-अलग खनिजों की वास्तविक सम्भावना को खोजनें में सहायक होने के संबंध में जानकारी दी।