इस्लामाबाद। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के पार्क लेन रेफरेंस मामले में इस्लामाबाद कोर्ट में सुनवाई हुई। जरदारी राष्ट्रीय खजाने में 3.77 अरब रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। जरदारी को भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमे से छूट मिल गई है। जरदारी के वकीलों ने कोर्ट से अपील की थी कि उनके मुवक्किल अब राष्ट्रपति हैं, ऐसे में उन्हें इस मामले से छूट मिलनी चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या सह आरोपियों के खिलाफ केस चलाया जा सकता है, इस पर वकीलों ने कहा चलाया जा सकता है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 17 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी गई। 
यह मामला 2008 से 2013 के दौरान का है। उस समय जरदारी मुल्क के राष्ट्रपति थे। इस मामले को पार्क लेन रेफरेंस के तौर पर जाना जाता है। आरोप है कि उन्होंने अपनी फ्रंट कंपनियों को लोन दिलाने के लिए अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश की और बाद में उस पैसे का दुरुपयोग किया। उन्होंने अपनी एक कंपनी पार्थेनन प्रा. लिमिटेड के लिए 1.5 अरब रुपये का लोन मिला था। लेकिन बाद में उन्होंने इस धनराशि को फर्जी बैंक खातों के जरिए अपने निजी इस्तेमाल के लिए ट्रांसफर कर दिया। 
कम दामों पर प्रॉपर्टी खरदीने का आरोप 
राष्ट्रपति जरदारी 2008 से 2013 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे. इस दौरान उन्होंने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी फ्रंट कंपनियों के लिए लोन लिया था लेकिन बाद में फर्जी खातों के जरिए इस पैसे का निजी तौर पर इस्तेमाल किया। पार्क लेन केस में जरदारी और उनके बेटे बिलावल अली जरदारी पर इस्लामबाद में बेहद कम दरों पर 307 एकड़ की प्रॉपर्टी खरदीने का आरोप है। आरोप है कि जरदारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर यह प्रॉपर्टी औने-पौने दाम पर खरीदी थी।