नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने की खबर को लेकर देश में मौजूद हिंदू शरणार्थी गदगद हो गए हैं। नागरिकता संशोधन कानून संसद से पारित होने के चार साल बाद केंद्र द्वारा नागरिकता (संशोधन) अधिनियम लागू करने के बाद यहां रहने वाले पाकिस्तान के एक हिंदू प्रवासी ने कहा कि यह हमारे लिए वास्तविक राम राज्य की तरह है।

31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के नियमों के तुरंत बाद, पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों की बस्तियों में निवासियों ने सोमवार रात को दीपक जलाए और पटाखे फोड़े।

पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासी दिनेश भील ने कहा, "हम लंबे समय से इसका इंतजार कर रहे थे। इसके (सीएए) वास्तविकता बनने के साथ, नागरिकता के लिए कतार में खड़े कई लोग जल्द ही भारतीय नागरिक बनने की उम्मीद कर सकते हैं।"

सीएए कानून लागू होने की खबर पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एक अन्य प्रवासी पेरुमल ने कहा कि इससे नागरिकता का मार्ग प्रशस्त होगा और परेशान प्रवासियों को बेहतर जीवन जीने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, "भारत में छह साल रहने के बाद हमें नागरिकता मिल सकती है। इससे उन लोगों को काफी मदद मिलेगी जो नागरिकता का इंतजार कर रहे हैं।"

लोकसभा चुनाव की घोषणा से कुछ दिन पहले आए सीएए नियमों के अनावरण के साथ मोदी सरकार अब तीन देशों से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई - को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करना शुरू कर देगी। गजट अधिसूचना के अनुसार, नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं।

भारत में पाकिस्तानी प्रवासियों की वकालत करने वाले सीमांत लोक संगठन के अनुसार, जोधपुर में लगभग 35,000 प्रवासी नागरिकता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। दावा किया गया कि पिछले 10 वर्षों में पाकिस्तान से इन हिंदू प्रवासियों की आमद बढ़ी है।

सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने सीएए के कार्यान्वयन और निवास अवधि को 10-12 साल से घटाकर 6 साल करने का स्वागत करते हुए कहा, "लेकिन सीएए केवल उन प्रवासियों के बारे में बात करता है जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए थे।, और जो लोग बाद में आए हैं, वे पुराने कानून के अनुसार नागरिकता के पात्र होंगे।"

उन्होंने कहा, "यह स्थिति पिछले 10 वर्षों में इस तिथि के बाद भारत आए लगभग 20,000 लोगों के लिए अन्याय है।" राजस्थान के पश्चिमी जिलों जैसे बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर में बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासी रहते हैं।