मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी के सामने ठोकी ताल


नई दिल्ली। राजस्थान के रणभूमि में लोकसभा चुनाव में बड़े-बड़े दिग्गज चुनाव मैदान में हैं और सभी चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। वही रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। अब उन्होंने बाड़मेर संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल कर दिया है। इससे भाजपा के मिशन 25 को झटका लगा है।
लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 सीटों पर चुनाव होना है। सभी राजनीतक दल चुनाव प्रचार में पूरा दमखम लगा रहे हैं। इस बीच 26 साल के युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी की खूब चर्चा हो रही है। निर्दलीय प्रत्याशी के नामांकन में उमड़ी भीड़ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। दो बार राजस्थान में क्लीन स्वीप कर चुकी भाजपा के मिशन 25 के लिए भी उन्हें खतरा बताया जा रहा है। 
रविंद्र सिंह भाटी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक हैं। अब उन्होंने बाड़मेर संसदीय सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया है। भाटी ने मोदी सरकार के मंत्री कैलाश चौधरी से मुकाबले के लिए मैदान में ताल ठोक दिया है। भाटी की सभाओं में खूब भीड़ उमड़ रही है। नामांकन के दौरान तो इतने लोग जुटे कि तस्वीरें वायरल हो गईं। भाजपा राजस्थान में सभी 25 सीटों पर जीत के दावे कर रही है। लेकिन बाड़मेर में पार्टी की धड़कने जरूर बढ़ गईं हैं। इसकी एक वजह विधानसभा चुनाव के दौरान भाटी का प्रदर्शन है।
रविंद्र भाटी ने महज पांच साल पहले ही राजनीति में कदम रखा। आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्य रहे। 2019 में वह छात्र संघ अध्यक्ष के पद पर चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन एबीवीपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। भाटी बागी होकर निर्दलीय लड़े और जीत हासिल की। 57 साल के इतिहास में पहली बार इस यूनिवर्सिटी में किसी निर्दलीय प्रत्याशी ने छात्रसंघ अध्यक्ष का पद हासिल किया। बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। भाटी पहले लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर पाएंगे या नहीं यह तो 4 जून को मतगणना के बाद तय होगा, लेकिन छोटे से राजनीतिक करियर में जिस तरह उन्हें लोकप्रियता हासिल की है उसकी चर्चा खूब हो रही है।