जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा विभाग की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता एवं संवेदनशीलता के साथ प्रदेशवासियों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा देने की दिशा में कार्य कर रही है और इसी का परिणाम है कि राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में मॉडल स्टेट बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना तथा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं प्रारम्भ की हैं।
गहलोत ने सड़क दुर्घटना पीडितों की जीवन रक्षा के लिए मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना की शुरूआत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इन सभी योजनाओं का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो। योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए ताकि जानकारी के अभाव में कोई इनके लाभ से वंचित न रहे। साथ ही, प्रभावी क्रियान्वयन के लिए योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग एवं समय-समय पर जनता का फीडबैक लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य सेवाओं में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है।
राज्य में बजट का 7 प्रतिशत हिस्सा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च किया जा रहा है। राजस्थान में 88 प्रतिशत परिवार हैल्थ इन्श्योरेंस के अर्न्तगत आते हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका औसत मात्र 41 प्रतिशत है। आज प्रदेश में एमआरआई, सीटी स्केन जैसी महंगी जांचों के साथ-साथ लीवर ट्रांसप्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट जैसा महंगा इलाज नि:शुल्क करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 21.14 लाख मरीजों को 2111.41 करोड़ रूपए के नि:शुल्क उपचार से लाभांवित किया जा चुका है। निजी अस्पतालों को 21 दिन के अंदर भुगतान किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चिरंजीवी योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को महंगे इलाज के भार से मुक्त करने का कार्य किया गया है। कॉकलियर इम्प्लांट, बोनमैरो ट्रांसप्लांट, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, ब्लड, प्लेट्लेट्स एवं प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन जैसी जटिल स्वास्थ्य सेवाएं भी इस योजना के माध्यम से नि:शुल्क कर दी गई हैं। आज पूरे भारत में इस योजना की चर्चा हो रही है। अधिकतम लोगों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए व्यापक स्तर पर इसका प्रचार आवश्यक है।