चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को फौरी और बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए ट्रॉमा केयर डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को विशेष ट्रेनिंग दिलवाई जाएगी। यह ट्रेनिंग चंडीगढ़ के पीजीआई से होगी। ट्रेनिंग करवाने के लिए पीजीआई के साथ समझौता किया जाएगा। जिस को लेकर जल्द ही औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी।

लीड एजेंसी ऑन रोड सेफ्टी के डायरेक्टर जनरल आर वेंकट रत्नम् ने बताया कि पंजाब राज्य सड़क सुरक्षा परिषद ट्रॉमा केयर डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ को ट्रेनिंग देने के लिए पीजीआई के साथ समझौता करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में सुरक्षित सड़कें, सड़क पर चलाने योग्य वाहनों और सही ढंग से ट्रेनिंग प्राप्त ड्राइवरों की जरूरत है। क्योंकि यह किसी भी सड़क सुरक्षा के लिए जरूरी शर्तें हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एक ऐसा तंत्र विकसित करने की जरूरत जो सभी दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत इमरजेंसी की देखभाल प्रदान कर सके। इसे लेकर इस तरह की ट्रेनिंग करवाई जा रही है। उधर पुलिस की तरफ से एक सिस्टम भी स्थापित किया जा रहा है जिसके अंतर्गत सरकारी और प्राईवेट सहित सभी एंबुलेंसों को ओला उबर की तरह आपस में जोड़ा जाएगा। जिससे इमरजेंसी के समय लोग 15 मिनट या इससे भी कम समय में एंबुलेंस की सेवाएं ले सकें।

ध्यान रहे कि राजमार्गों पर स्थित सरकारी अस्पतालों पर क्रिटिकल केयर यूनिटों की स्थापना करने की दिशा में पहले ही काम किया जा रहा है। लोगों को एंबुलेंस को रास्ता देने और अपने वाहनों में फर्स्ट ऐड किट रखन को भी कहा गया है ताकि किसी की जान बचाई जा सके।

उधर एडीजीपी एएस राय ने कहा कि सड़क सुरक्षा फोर्स बनने के बाद सड़क हादसों को रोकने के लिए बडे़ स्तर पर काम किया जा रहा है। फोर्स को नए हाई-टेक वाहन मुहैया करवाए जा रहे हैं। इसको लेकर पूरी उम्मीद है कि राज्य सरकार की यह पहलकदमी कीमती जानें बचाने में सहायक होगी।