पंजाब में बिगड़ती काननू-व्यवस्था और खालिस्तानी गतिविधियों के मद्देनजर पुलिस हरकत में आ गई है। पंजाब को गैंगस्टरों और नशे से मुक्त करने के लिए डीजीपी गौरव यादव ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए सभी पुलिस अधिकारियों को पेशेवर ढंग से काम करने और कानून तोड़ने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

पंजाब की सभी आठ रेंजों के आईजी, डीआईजी, सीपी, एसएसपी, डीएसपी और 413 एसएचओ को संबोधित करते हुए डीजीपी ने संगठित अपराध, नशा तस्करी और आतंकवाद के विरुद्ध जमीनी स्तर की कार्रवाई की समीक्षा की। बैठक में स्पेशल डीजीपी आंतरिक सुरक्षा आरएन ढोके, स्पेशल डीजीपी कम्युनिटी अफेयर्स डिवीजन और महिला मामले गुरप्रीत कौर दियो और एडीजीपी कानून-व्यवस्था अर्पित शुक्ला समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उन्होंने समाज विरोधी तत्वों के विरुद्ध सर्तकता को और तेज करने की जरूरत पर बल दिया।

डीजीपी गौरव यादव ने पंजाब पुलिस हेडक्वार्टर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को जिलों का दौरा करने, मैनपावर और साजो-सामान की जांच करने के साथ-साथ नागरिक हितैषी पहुंच अपनाते हुए जमीनी स्तर पर बुनियादी पुलिसिंग को सुनिश्चित बनाने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी हिदायत की कि मैनपावर बढ़ाने के लिए जिलों में तैनात कुल पुलिस फोर्स का कम से कम 50 फीसदी कर्मचारी पुलिस थानों में तैनात किए जाएं।

उन्होंने सभी थाना प्रभारियों को हिदायत दी कि नागरिक हितैषी पुलिसिंग को सुनिश्चित बनाएं, आम जनता की पहुंच और संपर्क में रहें और यह सुनिश्चित करें कि समाज विरोधी तत्व को किसी भी कीमत पर बख्शा न जाए। उन्होंने सभी एसएचओ को अपने अधिकार क्षेत्र में असामाजिक तत्वों के आपराधिक रिकॉर्ड खोलने और घृणित अपराधों की निजी तौर पर जांच करने के लिए भी कहा।

डीजीपी ने सभी सीपी और एसएसपी को राज्य से गैंगस्टर कल्चर और नशों को खत्म करने के लिए विशेष इकाइयों के साथ तालमेल के जरिये काम करने के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने जिला पुलिस प्रमुखों को जिला स्तर पर माहवार अपराध समीक्षा बैठकें करने और पुलिसकर्मियों की शिकायतें सुनने के लिए निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों, बाजारों, धार्मिक स्थलों, निजी संपत्तियों आदि में निगरानी के लिए अधिक से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए भी कहा।