पंजाब सरकार ने प्रापर्टी टैक्स के डिफाल्टरों को ब्याज और जुर्माने में छूट के फैसले को रोक लिया है। सोमवार शाम को इस छूट की नोटिफिकेशन जारी की गई थी, लेकिन इसके 24 घंटे के भीतर ही इस नोटिफिकेशन को रोक लिया है। स्थानीय निकाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। यह नोटिफिकेशन गलती से जारी होने की बात कही जा रही है। हालांकि अफसरों को कहना है कि जल्द ही नया नोटिफिकेशन जारी होगा।

सोमवार के नोटिफिकेशन में जो छूट दी गई थी, उससे ज्यादा राहत लोगों को नई नोटिफिकेशन में दी जाएगी। विभाग ने सोमवार के नोटिफिकेशन को रोकने के लिए कई निगमों, कौसिलों को मंगलवार को ईमेल से संदेश जारी कर दिया है। जालंधर में 80 हजार से ज्यादा टैक्स डिफाल्टर हैं और इन्हें अब नई नोटिफिकेशन इंतजार रहेगा।

निगम कमिश्नर ऋषिपाल सिंह ने प्रापर्टी टैक्स ब्रांच के लिए सितंबर महीने के लिए 10 करोड़ टैक्स कलेक्शन का टारगेट तय किया है। प्रापर्टी टैक्स ब्रांच के अधिकारियों के साथ मीटिंग करके निर्देश दिया है कि इस साल तय किए गए 45 करोड रुपये के लक्ष्य को पूरा करने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम चलाई जाए।

प्रापर्टी टैक्स ब्रांच के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि 30 सितंबर तक छह महीने के लक्ष्य के तहत 22.50 करोड़ टैक्स का लक्ष्य पूरा किया जाए। अभी तक करीब 12.50 करोड रुपए टैक्स ही इकट्ठा हो पाया है, इसलिए सितंबर महीने में 10 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे। सितंबर में टैक्स कलेक्शन वैसे भी ज्यादा होती है, क्योंकि 30 सितंबर के बाद टैक्स पर 10 प्रतिशत रिबेट का समय खत्म हो जाता है। इसके बाद 31 दिसंबर तक पूरा टैक्स जमा करवाना पड़ता है और जनवरी से 31 मार्च तक टैक्स पर 10 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है।

निगम कमिश्नर ने कामर्शियल इमारतों, खास तौर पर बस स्टैंड और इसके आसपास के इलाकों में चल रहे आइलेट्स और इमीग्रेशन सेंटरों की जांच के निर्देश दिए हैं। आइलेट्स सेंटर शहर के प्रमुख इलाकों में चल रहे हैं और यहां पर कामर्शियल बिल्डिंग का किराया काफी अधिक है। इन सभी की जांच की जाएगी कि यह सेंटर कितना किराया दे रहे हैं और उसे हिसाब से प्रापर्टी टैक्स आ रहा है या नहीं।

प्रापर्टी टैक्स डिपार्टमेंट के सुपरिंटेंडेंट भूपिंदर सिंह कंबोज ने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वे करें और रोजाना रिपोर्ट करें कि कितने लोगों की जांच की गई है। इससे पहले नगर निगम ने कामर्शियल इमारतों की टैक्स की जांच के लिए करीब 250 इमारत मालिकों को नोटिस भेजे हैं।