पौंग डैम से पानी छोड़े जाने के बाद जिले के दस गांवों में बनी बाढ़ की स्थिति में फिलहाल ज्यादा सुधार नहीं आ पाया है। हालांकि दो जगह पर धुस्सी बांध में पड़ी दरार को भर दिया गया है, लेकिन फिर भी पानी लगातार गांवों तक पहुंच रहा है।

पौंग डैम से 1.20 लाख क्यूसेक की गई पानी की निकासी

जिला प्रशासन की ओर से लगातार राहत कार्य चलाए जा रहे हैं। पौंग डैंम से पानी की निकासी को 1.40 लाख क्यूसेक से कम कर 1.20 लाख क्यूसेक कर दिया गया है, जिससे दरिया ब्यास में जलस्तर कम हो रहा है। धुस्सी बांध में तीन जगह पड़ी दरारों में से दलेलपुर और भैणी मीलमां को भर दिया गया है, जबकि गांव जगतपुर टांडा में पड़ी बड़ी दरार को भरने का काम किया जा रहा है।

150 लोगों को किया गया रेस्क्यू

डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि सिविल, पुलिस प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ, सेना व बीएऐसएफ के 100 से ज्यादा जवान राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। राहत कार्यों में 15 किश्तियों का प्रयोग किया जा रहा है। कई गांवों में ट्रेक्टर-ट्रालियों की सहायता से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। अब तक करीब 150 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है।

ट्रैफिक वाया दीनानगर-मीरथल डायवर्ट

ज्ञात रहे कि धुस्सी बांध में दरार के कारण गांव चेचियां छोड़ियां, पक्खोवाल, दाउवाल, खबहरा, दलेरपुर, पदाना, छीना बेट, नडाला, जगतपुर कलां, कोहलियां और खरियान बाढ़ की चपेट में आए हुए हैं। गुरदासपुर-मुकेरियां रोड पर भी पानी आने के कारण पुल को बंद कर ट्रैफिक को डायवर्ट किया गया है। अब वाहनों को वाया दीनानगर मीरथल से होते हुए जालंधर की तरफ जाना पड़ रहा है।

लोगों को हेल्पलाइन नंबर किया गया जारी

वाया काहनूवान रोड टांडा की तरफ से भी जालंधर पहुंचा जा सकता है। उधर, पुराना शाला के सरकारी स्कूल में राहत कैंप स्थापित किया गया है, जहां पर मेडिकल, वेटरनरी विभाग सहित अन्य टीमों की तैनाती की गई है। प्रशासन की ओर से लोगों को अपील की गई है कि आवश्यकता पड़ने पर हेल्पलाइन नंबर 1800-180-1852 या 112 पर संपर्क करें।