प्रयागराज: शहर में सीवर लाइन की सफाई सबसे बड़ी चुनौती है। ज्यादातर स्थानों पर अंग्रेजों के जमाने में बनी सीवर लाइन का उपयोग हो रहा है। पुरानी सीवर लाइन कहीं जाम है, तो कहीं चोक है। वर्षा ऋतु में समस्या और गंभीर हो जाती है।

समस्या के समाधान को लखनऊ, गाजियाबाद और मेरठ की तर्ज पर जलकल वन-सिटी वन-आपरेटर की सुविधा देगा। इसके तहत सीवर लाइन की देखरेख निजी कंपनियों के हाथों में रहेगी। समस्या होने पर लोग कंट्रोल रूम में सूचना देंगे और 24 घंटे में सीवर की समस्या दूर होगी। इसमें लगभग 100 करोड़ रुपये वार्षिक व्यय जलकल को करना होगा।

इन शहरों में मिला निजी कंपनियों को ठेका

प्रदेश में आगरा, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, मेरठ, वाराणसी, बुलंदशहर, लखनऊ आदि शहरों के सीवर नेटवर्क का ठेका निजी कंपनी को दिया गया है। यहां का जलकल निजी कंपनी को सीवर का ठेका देने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रहा है। इसमें सीवर सफाई से लेकर नालों को टैब करने वाले लिफ्टिंग पंप, एसटीपी का संचालन शामिल रहेगा।

जलकल विभाग के महाप्रबंधक कुमार गौरव ने बताया

सीवर सिस्टम सुधारने के लिए सीवर नेटवर्क का कार्य अब निजी कंपनियों को दिया जाएगा। कार्ययोजना तैयार की जा रही है। महापौर के निर्देश पर यह प्रयास किया जा रहा है। शहर में सीवर लाइन की समस्या पूरी तरह से समाप्त करने का प्रयास होगा।