आसींद, भीलवाड़ा: एक और सरकार आमजन को चिकित्सा में स्वास्थ्य का अधिकार दे रही है तो दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों के बड़े बड़े कस्बे ही मूलभूत चिकित्सा सुविधाओं से वंचित हैं. इसी क्रम में भीलवाड़ा जिले कि आसींद हुरडा विधानसभा क्षेत्र की ऐसी ग्राम पंचायत बरसनी है जहां नगरपालिका समान क्षेत्रफल व मतदाता होते हुए भी अपने जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक चिकित्सा सुविधा के अभाव में अपना जीवन बसर कर रहे है.

यहां के निवासियों को चोट भी लग जाए तो मरहम लगाने के लिए 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है. भीलवाड़ा जिले से ऐसा कोई भी जनप्रतिनिधि बाकी नहीं रहा होगा जिनसे ग्रामीणों ने बरसनी में चिकित्सा सुविधा के लिए चिकित्सालय खुलवाने की मांग नहीं की हो. 

यहां के अभागे ग्रामीण परसादी लाल मीणा से लेकर पूर्व चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा एवं राजस्व मंत्री रामलाल जाट से सैकड़ों बार मिल चुके हैं. बजट सत्र में हर समय ग्रामीणों को चिकित्सालय क्रमोन्नत करवाने के समय आश्वस्त कर दिया जाता है लेकिन बजट का पुलिंदा जैसे ही खुलता है वैसे ही ग्रामीणों की आंखे छलक उठती है और कहने लगते हैं, ''हे सरकार हमारा क्या दोष है.'' 

जहां 2 हजार की आबादी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुल रहे हैं. 5 हजार की आबादी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुल रहे हैं तो उनके क्षेत्र की आबादी तो 13 हजार से भी ज्यादा है. ग्रामीणों ने कहा कि ऐसा क्या गुनाह कर दिया जो सरकार ने दरकिनार कर दिया है.

बरसनी क्षेत्र से प्रतिमाह प्रसव के लिए 30 से 35 महिलाओं को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ता है. यहां तक कि उनको प्रसव काल में दी जाने वाली दवाओं के लिए भी हरमाह शंभुगढ़ या आसींद जाना पड़ता है. यहां के ग्रामीण पिछले 7 वर्षों से अपने क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा न होने के चलते अपने चिकित्सालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए दरबदर की ठोकरें खा रहे है. आमजन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कितनी ही बार अपनी ओर से क्षेत्रवासियों की इस मांग को आगे पहुंचा चुके है.

माइनिंग एरिया होने से हजारों श्रमिक करते हैं क्षेत्र में मजदूरी

कस्बे में फेल्सपार व सोडे की 30 से 40 माइनिंग होने से यहां पर हजारों कामगार मजूदर मजदूरी करते हैं. ऐसे में किसी दुर्घटना या चोट लग जाने पर प्राथमिक उपचार के लिए भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आसींद तक ले जाना पड़ता है. ऐसे में वर्तमान में गहलोत सरकार द्वारा सभी जनहित की मांगों को पूरा किया जा रहा है तो क्षेत्रवासियों ने मीडिया के माध्यम से एक बार पुनः सरकार तक अपने क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओ के विस्तार हेतु सरकार से निवेदन किया है. ताकि जनसामान्य की इस मांग को सरकार पूरा करे और जिससे बरसनी क्षेत्र ही नहीं अपितु आसपास की 40 से 50 हजार आबादी को चिकित्सा सुविधा मुहैया हो पाए.