राजस्थान की इकलौती हेरिटेज ट्रेन का उद्घाटन गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। नैरोगेज चलने वाली यह खास ट्रेन राजस्थानी झलक के साथ सप्ताह में चार दिन नियमित रूप से संचालित होगी। समूह की बुकिंग के आधार पर अन्य दिनों में भी इसे चलाया जा सकेगा।

मारवाड़ से उदयपुर जिले के मावली के बीच नैरोगजे वाले 89 साल पुराने रेलवे ट्रैक पर राजस्थान की पहली हेरिटेज ट्रेन की शुरुआत गुरुवार से हो जाएगी। लंबे समय बाद सैलानियों को इस ट्रेन से जंगल और पहाड़ियों का मनोरम दृश्य भी देखने को मिलेगा।

अजमेर रेलवे मंडल के डीसीएम सुनील कुमार महला के अनुसार गुरुवार को हेरिटेज ट्रेन का मारवाड से करीब 11.30 बजे पीएम नरेन्द्र मोदी जोधपुर से वर्चुअल शुभारंभ करेंगे। यह ट्रेन फुलाद, गोरमघाट हिल स्टेशन होते हुए दोपहर 3 बजे कामली घाट स्टेशन पहुंचेगी। जहां कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

कोच के अंदर से 180 डिग्री तक के व्यू देखे जा सकेंगे।

महिला के अनुसार ट्रेन को हेरिटेज लुक देने के लिए डीजल इंजन को भाप के इंजन का शेप दिया गया है। इसमें एक डिब्बा स्टाफ व जनरेटर रूम के लिए रखा गया है जबकि एक डिब्बा आधुनिक साधन सुविधा से युक्त विस्टा डोम एसी कोच रखा गया है। जिसकी कुल क्षमता 60 सीटों की है ओर एक पर्यटक को सफर करने क लिए 1900 रूपए का टिकट रखा गया है। वीकली चार दिन सामान्य तौर पर चलेगी, जबकि 2 दिन 10 से अधिक लोगो के ग्रुप के अनुसार संचालित किया जाएगा।

यह रहेगा ट्रेन का टाइम टेबल

सुबह 8.30 बजे मारवाड जक्शन से रवाना होकर फुलाद, गोरम घाट होते हुए सवा 11 बजे के करीब कामली घाट स्टेशन पहुंचेगी जहाँ पर्यटकों के लिए भोजन की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इसका भुगतान अलग से करना होगा। जिसके बाद दोपहर ढाई बजे को कामली घाट से वापस रवाना होगी जो शाम 5.30 बजे मारवाड जक्शन पहुंचेगी।

कुल 100 किलोमीटर के सफर के दौरान रेलवे ने पर्यटकों की सुविधा के लिए सफर के दौरान सेल्फी पॉइंट पर ट्रेन रोकने का भी निर्णय लिया है जहां 15 से 20 मिनट तक पर्यटक सेल्फी ले सकेंगे। मारवाड़ से ट्रेन स्टार्ट होने के बाद फुलाद रुकेगी। यहां 25 मिनट का स्टॉपेज रहेगा।

इस ट्रैक पर पहली बार 1934 में भाप इंजन की ट्रेन संचालित हुई थी, उसके बाद से मीटर गेज रेल का संचालन इस पर किया जा रहा है। कई साल से इस रेलवे ट्रैक को ब्रोडगेज लाईन में परिवर्तन करने की मांग उठाई गई लेकिन घाट सेक्शन व 16 डिग्री तक के कर्व होने के कारण यह परिवर्तन हो न सका। लेकिन, अब रेलवे ने एक नई पहल करते हुए 89 साल पुराने ट्रैक को जिन्दा रखने के लिए हेरिटेज ट्रेन का संचालन शुरू किया जाएगा।